अंतरराज्यीय बस टर्मिनस में बनने वाली दुकानों का आवंटन सिर्फ स्थानीय एवं चांडिल बांध के विस्थापितों के लिए सुरक्षित किया जाए : विस्थापित मुक्ति वाहिनी
चांडिल: जमशेदपुर में सुवर्णरेखा परियोजना की जमीन पर तिलका चौक, डिमना के पास बनने वाले अंतरराज्यीय बस टर्मिनस में बनने वाली दुकानों का आवंटन सिर्फ और सिर्फ स्थानीय एवं चांडिल बांध के विस्थापितों के लिए सुरक्षित किया जाए। यह मांग आज चांडिल आई. बी. में आयोजित विस्थापितों की एक बैठक में लिया गया। बैठक में शामिल विस्थापितों ने कहा कि इतना ही नहीं, विस्थापित बेरोजगारों को ध्यान में रखकर सुवर्णरेखा परियोजना की खाली पड़ी जमीनों में मार्केट कंपलेक्स बनाकर विस्थापितों को दिया जाए।
आज की बैठक में इस बात पर क्षोभ व्यक्त किया गया कि जिन 1400 विस्थापितों को नौकरी देने के लिए पैनल बनाया गया था। वह आज भी लंबित है जबकि 28 साल बीत चुके हैं। परियोजना और जल संसाधन विभाग को इस चैनल के बारे में अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। विभाग पैनल में शामिल लोगों की नौकरी सुनिश्चित करने की पहल करें या उन्हें समुचित मुआवजा दे। परियोजना में जिन विस्थापितों को नौकरी मिली थी आज वे धीरे-धीरे करके सेवा मुक्त हो रहे हैं। इनके रिक्त पदों पर युवा विस्थापितों की बहाली की जाए।
बैठक में शामिल युवाओं ने कहा कि वर्तमान पीढ़ी के विस्थापितों के सामने आज रोजगारी एक बड़ा संकट बन कर उभरा है। हमारे पास न तो जमीन है और न ही अन्य कोई संसाधन। हमारी जमीन पर इकट्ठा पानी का उपयोग कर औद्योगिक घराने और कारखाने मालामाल हो रहे हैं पर हमारी सुधि लेने वाला कोई नहीं है। चांडिल जलाशय के पानी का उपयोग करने वाले कारखानों में युवा विस्थापितों को योग्यतानुसार नौकरी मिलनी चाहिए। विभाग एवं स्थानीय प्रशासन इस दिशा में ठोस कदम उठाएं तथा कंपनियों को इस दायित्व के लिए बाध्य करें। कंपनियों के लिए यह भी एक कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व है।
बैठक में तय किया गया कि संबंधित मांगों को सूचीबद्ध कर आगामी 11 अक्टूबर 2022 को सुवर्णरेखा परियोजना के प्रशासक को बेरोजगार युवा विस्थापित संगठन और विस्थापित मुक्ति वाहिनी की ओर से स्मारपत्र सौंपा जाएगा।
विस्थापित मुक्ति वाहिनी से श्यामल मार्डी, नारायण गोप, कार्तिक महतो, किरण बीर, अरविंद अंजुम, अंजित, आकलू, बायला, राजेश, बासुदेव आदित्यदेव, होंगा मांझी, दिलीप अकेला, राम, महेंद्र, रबी माझी, अरुण गोप, बुधु गोप, घनश्याम, बादल धीवर, भैरव गोप, दुखुराम, रोहिदास, सुकदेव, गुरबा माझी, कुमार दिलीप तथा बेरोजगार युवा विस्थापित संगठन से दुर्गा, गोकुल, विनय कुमार, जगदीश सरदार, दीनबंधु महतो, रविन्द्र सरदार के अलावा चांडिल मुखिया मनोहर सिंह सरदार, रसुनिया के मुखिया मंगल मांझी आदि मुख्य रूप से शामिल हुए।