बेहतर कल के लिए नए वादे के साथ, टाटा स्टील झारखंड लिटरेरी मीट 2022 का हुआ समापन

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रांची /जमशेदपुर (संवाददाता ):-टाटा स्टील झारखंड लिटरेरी मीट के चौथे संस्करण का आज रांची में समापन हुआ।  दो साल के अंतराल के बाद शहर में एक बार फिर से आयोजित वार्षिक लिटररी मीट में हालिया दौर  के भारत के कुछ बेहतरीन बायोग्राफर्स और ख्यातिप्राप्त कवियों, उपन्यासकारों और कला क्षेत्र से जुड़े पुरुष और महिला रचनाकारों ने दो दिनों के दौरान ऑड्रे हाउस में आयोजित इस फेस्ट में भविष्य में और अधिक दिग्गज रचनाकारों को लाने के वादे के साथ अपने बहुमूल्य विचार और अनुभव साझा किए।

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फेस्टिवल के अंतिम दिन की शुरुआत लोकप्रिय लेखक सत्य व्यास ने यतीश कुमार और आरजे अरविंद के साथ स्मार्ट फोन के युग में हिंदी के विकास और परिवर्तनों पर चर्चा के साथ की।  इसके बाद  सुपरस्टार उत्तम कुमार और सौमित्र चटर्जी के प्रसिद्ध जीवनी लेखक सुमन घोष और सयांदब चौधरी के साथ जाने-माने गीतकार और लेखक चंद्रिल भट्टाचार्य के साथ विस्तृत बातचीत हुई।  दिन के दूसरे भाग की शुरुआत सत्यजीत रे की जन्म शताब्दी पर उनके दो नायकों, मोहन अगाशे और बरुण चंदा और फिल्म निर्माता सुमन घोष के साथ पुरस्कार विजेता अनुवादक और लेखक अरुणव सिन्हा के साथ बातचीत में श्रद्धांजलि देने के साथ हुई।  सुश्री मालविका बनर्जी ने इसके बाद गुवाहाटी की लेखिका मित्रा फुकन के साथ अरुणव सिन्हा के साथ द ग्रेटेस्ट स्टोरीज़ ऑफ़ इंडिया पर एक मनोरंजक बातचीत के साथ कार्यक्रम को आगे बढ़ाया।

बेंगलुरू के फिल्म लेखक बालाजी विट्टल और प्रसिद्ध अभिनेता और मनोचिकित्सक डॉ. मोहन अगाशे के साथ खचाखच भरे दर्शकों के साथ एक रोमांचक परिचर्चा हुई कि 1950 के दशक से वर्तमान समय में हिंदी सिनेमा के खलनायकों की भूमिका में किस प्रकार बदलाव हुए हैं। साहित्यिक कार्यक्रम का समापन अनुज लुगुन के पत्थलगढ़ी के लोकार्पण और प्रशंसित भरतनाट्यम कलाकार और पद्म भूषण पुरस्कार विजेता मल्लिका साराभाई तथा उनके बेटे रेवंत साराभाई द्वारा प्रस्तुत एक दुर्लभ प्रस्तुति के साथ हुई।

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फेस्टिवल  की निदेशक मालविका बनर्जी ने अपने संबोधन में कहा, “महामारी के कारण दो साल तक वर्चुअल दुनिया तक सीमित रहने के बाद टाटा स्टील झारखंड लिटरेरी मीट के चौथे संस्करण के लिए झारखंड के लोगों की गहन भागीदारी को देखकर हम वास्तव में खुश हैं।  हमें उम्मीद है कि हम अगले साल और भी अधिक जोश के साथ वापस आएंगे और रांची तथा झारखंड के  दर्शकों का मनोरंजन करने के साथ उन्हें रोमांचित करने का प्रयास करेंगे।”

श्री सर्वेश कुमार, चीफ कॉर्पोरेट कम्युनिकेशंस, टाटा स्टील इंडिया एंड साउथ ईस्ट एशिया ने कहा, “पिछले दो दिनों में, हम प्रतिष्ठित विद्वानों और रांची के नागरिकों के बीच विचारों के बहुमूल्य आदान-प्रदान के साक्षी बने हैं, जिन्होंने टाटा स्टील झारखंड लिटरेरी मीट को समर्थन करने के लिए बड़ी संख्या भागीदारी दिखाई।  हम लोगों के उत्साह को देखकर प्रसन्न हैं और हमें भरोसा है कि भविष्य में होने वाले कार्यक्रमों में और अधिक भागीदारी देखने की मिलेगी।  टाटा स्टील ने समुदाय से जुड़ने के लिए कई पहल की हैं और हमारा लक्ष्य इस साहित्यिक सम्मेलन को इस क्षेत्र के सांस्कृतिक कैलेंडर का एक अभिन्न अंग बनाना है।“

 

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