मेटाल्सा कम्पनी में दूसरे दिन भी हड़ताल जारी, गैर मान्यता प्राप्त यूनियन से बातचीत के लिए प्रबंधन नहीं तैयार…

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सरायकेला :- भोलाडीह स्थित मेटालसा कंपनी में मजदूरों की हड़ताल मंगलवार को दूसरे दिन भी जारी रही. चिलचिलाती धूप के बावजूद सैकड़ों महिला-पुरुष श्रमिक अपनी मांगों को लेकर धरने पर डटे रहे. हालांकि, कंपनी प्रबंधन की ओर से अब तक कोई ठोस पहल नहीं की गई है.


प्रबंधन का रुख साफ – अनधिकृत यूनियन को वार्ता की अनुमति नहीं

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मेटालसा प्रबंधन ने स्पष्ट कर दिया है कि मजदूरों की मांगों पर सहानुभूति पूर्वक विचार किया जाएगा, लेकिन गैर-मान्यता प्राप्त यूनियन के नेताओं से कोई बातचीत नहीं होगी. प्रबंधन का मानना है कि इससे कंपनी की छवि प्रभावित होगी और अनुशासनहीनता को बढ़ावा मिलेगा.
  दूसरी ओर, मजदूर नेता राजीव पांडे ने दो टूक कह दिया है कि जब तक प्रबंधन श्रमिकों की मांगें पूरी नहीं करता, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा. इस टकराव के बीच श्रमिकों की स्थिति असमंजस भरी हो गई है. वे तय नहीं कर पा रहे कि प्रबंधन का रुख अपनाएं या आंदोलन जारी रखें.


श्रम अधीक्षक की मध्यस्थता भी रही बेअसर


सोमवार को श्रम अधीक्षक ने दोनों पक्षों के बीच समझौते की कोशिश की, लेकिन प्रबंधन ने दोहराया कि गैर-मान्यता प्राप्त यूनियन को कंपनी परिसर में प्रवेश या वार्ता की अनुमति नहीं दी जाएगी. अंततः श्रम अधीक्षक ने कंपनी गेट के बाहर यूनियन और श्रमिकों की उपस्थिति में प्रबंधन से उनकी मांगों पर स्पष्टीकरण मांगा, जिसका जवाब प्रबंधन ने 15 दिनों के भीतर देने का वादा किया. अब बड़ा सवाल यह है कि प्रबंधन और यूनियन के इस टकराव में श्रमिक कब तक पिसते रहेंगे? क्या मजदूरों की मांगों को बिना यूनियन के पूरा किया जाएगा, या फिर किसी नए समझौते का रास्ता निकलेगा? इस बीच, कुछ श्रमिक संगठनों ने गैर-मान्यता प्राप्त यूनियन की अगुवाई में श्रमिकों को संघर्ष में झोंकने की आलोचना भी की है.

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