हिट एंड रन मामले में सौरव अग्रवाल को 8 साल का कारावास और 1 लाख जुर्माना

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चक्रधरपुर: अपनी कार से कुचलकर 7 लोगों की जान लेने वाले युवा कांग्रेस प्रदेश सचिव सौरभ अग्रवाल को न्यायलय ने 8 साल की सजा सुनाई है. इसके अलावा एक लाख रुपए जुर्माना भी लगाया है. घटना के पांच साल बाद मृतक के परिजनों को न्याय मिला है. देश की न्याय व्यवस्था के आगे सौरभ अग्रवाल के रसूख का घमंड टूट गया.
सोमवार को चाईबासा के जिला सत्र न्यायालय में प्रधान जिला सत्र न्यायाधीश विश्वनाथ शुक्ला की कोर्ट ने चक्रधरपुर के बहुचर्चित हिट एंड रन के मामले में यह बड़ा फैसला दिया है. कोर्ट ने सौरभ अग्रवाल पर धारा 304 पार्ट 2 के तहत 8 साल का सजा और 50 जुर्माना और धारा 427 के तहत 2 साल की सजा और 50 हजार का जुर्माना लगाया. जुर्माना का राशि अदा नहीं करने पर 1 साल और सजा होगी. इससे पूर्व शनिवार को न्यायलय ने उन्हे दोषी करार दिया था. कोर्ट के इस फैसले को राज्य में बढ़ रहे सड़क हादसे और लोगों की जा रही जान के परिपेक्ष्य में एक बड़ा फैसला माना जा रहा है. जिससे सड़क पर लापरवाही से वाहन चलाने वालों पर लगाम कसा जा सकेगा. बता दें की सौरभ अग्रवाल पश्चिम सिंहभूम जिले के बस ओनर एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रदीप अग्रवाल के बेटे हैं. सौरभ अग्रवाल बालू का कारोबारी भी है. यही नहीं सौरभ अग्रवाल खुद को हवाई जहाज का पायलट भी बताता है. निश्चित तौर पर जिला सत्र प्रधान न्यायाधीश विश्वनाथ शुक्ला की कोर्ट से आये इस फैसले से उन गरीब परिवार के लोगों को न्याय और राहत मिला है जिनके परिवार के लोगों को सौरभ अग्रवाल ने अपनी कार से कुचल दिया था.
हालांकि इस फैसले को आने में पांच साल का लम्बा वक्त लग गया लेकिन फिर से देश के कानून ने साफ़ कर दिया की न्याय के मंदिर में देर है अंधेर नहीं. इस फैसले के बाद सौरभ अग्रवाल के वकील हाई कोर्ट जा सकते हैं. हाई कोर्ट से इस मामले में सौरभ को राहत मिलेगी या नहीं यह तो वक्त ही बताएगा लेकिन अब जो फैसला आया है उससे लोगों में एक बड़ा सन्देश गया है.

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ये है मामला

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बता दें की वर्ष 2018 के 3 मार्च को कांग्रेस प्रदेश युवा सचिव सौरभ अग्रवाल ने कार से कुचलकर 7 लोगों की जान ले ली थी. यह सड़क हादसा इतना भयावाह था की घटना स्थल का मंजर देख लोग सिहर उठे थे. इस सड़क हादसे ने सभी को झकझोर कर रख दिया था. 3 मार्च 2018 की शाम हाटगम्हरिया और गोईलकेरा के दो आदिवासी परिवार शादी की रस्म निभाने के लिए चक्रधरपुर के बोड़दा पुल के किनारे ऐराबोंगा नामक पूजा कर रहे थे. पूजा में करीब 20 लोग मौजूद थे.
इसी दौरान तेज रफ्तार से कार चलाते हुए सौरभ अग्रवाल ने अपनी कार पूजा स्थल में घुसेड़ दी थी. तेज रफ़्तार में कार पूजा कर रहे 15 लोगों को रौंदते हुए मवेशियों की तरह कुचल दिए गए थे. इस सड़क हादसे में 7 लोगों की मौत हो गयी थी जबकि 8 लोग घायल हो गए थे. इस हादसे के बाद खूब हंगामा मचा था. लोगों ने सौरभ अग्रवाल पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की मांग की थी. हंगामे के बाद सौरभ अग्रवाल को गिरफ्तार कर लिया गया था. करीब 5 साल बाद अब जाकर मामले में फैसला आया है और हादसे दोषी करार देते हुए जिला सत्र प्रधान न्यायाधीश ने सौरभ अग्रवाल को दस साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई है.

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