बच्चों के अधिकारों के लिए मुखर पटमदा की छात्रा श्रेया वर्मा ने अपने जन्मदिन के दिन समाज के समक्ष पेश की अनोखी मिशाल , जन्मदिन के दिन पहल कर अपने विद्यालय में खोला पैडबैंक सहेलियों को “एक पैड, एक पेड़” अभियान से जोड़ विद्यालय परिसर में लगाए दर्जनों पौधे
पटमदा / जमशेदपुर :- जन्मदिन का मौका हर किसी के लिए बेहद खास होता है, इस दिन को हर कोई यादगार बनाने की कोशिश करता है। वही पूर्वी सिंहभूम जिले में पटमदा स्थित राज्य संपोषित +2 उच्च विद्यालय, पटमदा के वर्ग 11वीं की छात्रा श्रेया वर्मा ने समाज के प्रति अपनी अनोखी सोच की बदौलत अपने जन्मदिन के दिन अनोखी मिशाल पेश की है। बच्चों से जुड़े मुद्दों के प्रति मुखर एवं बाल अधिकारों को समाज में स्थापित करने के लिए बचपन से ही सक्रिय श्रेया ने अपने 17वे जन्मदिन के मौके पर अपने विद्यालय की सहपाठियों को “एक पैड, एक पेड़” अभियान से जोड़ विद्यालय में पैडबैंक की स्थापना की, वही उन्होंने मिलकर विद्यालय परिसर में दर्जनों पौधे लगाए।
विद्यालय के प्रधानाध्यापक डॉ मिथिलेश कुमार ने बच्चों को प्रोत्साहित करते हुए बताया कि “सामूहिक प्रयास से पर्यावरण की रक्षा के लिए आप सभी बच्चों का आगे आना बेहद अहम है। हम सभी को अपने जीवनकाल में ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाने चाहिए।” विद्यालय में पैडबैंक की स्थापना होने से बच्चियों को विद्यालय में आवश्यकता पड़ने पर आसानी से पैड मुहैया हो सकेगा। वही बच्चियों को सैनिटरी पैड के उचित निस्तारण करने एवं पर्यावरण संरक्षण हेतु हर महीने पेड़ लगाने वाली किशोरियों को निःशुल्क सैनिटरी पैड देकर प्रोत्साहित किया जाएगा।
विद्यालय में पैडबैंक का संचालन माहवारी स्वच्छता प्रबंधन कार्यशाला में जिला एवं राज्य स्तर पर प्रतिनिधित्व करने वाली शिक्षिका मिताली बासु के मार्गदर्शन में बच्चों के द्वारा किया जाएगा। मौके पर सामाजिक संस्था निश्चय फाउंडेशन के संस्थापक सचिव तरुण कुमार ने माहवारी स्वास्थ्य के प्रति समाज में जनजागरूकता लाने की आवश्यकता पर किशोरियों के साथ विस्तार से चर्चा की।
शिक्षिका मिताली बासु जी ने किशोरियों को माहवारी से जुड़ी तकनीकी जानकारियां दी, बताया कि “माहवारी एक प्राकृतिक प्रक्रिया है, यह मनुष्य जीवन का अभिन्न हिस्सा है, इसकी बदौलत ही स्त्रियों को नया जीवन जन्म देने की विशेष क्षमता मिलती है। अब माहवारी के प्रति शर्म और झिझक को दूर करने, और खुलकर बात करने का समय है।” कार्यक्रम में 80 से ज्यादा किशोरियां ने भाग लिया।