लघु भारत स्मारक और श्री लक्ष्मीनारायण मंदिर पर कलाकारों संग गंभीर मंथन, बिष्टुपुर आवास पर कलाकारों-चित्रकारों और मूर्तिकारों के साथ विधायक सरयू राय ने की बैठक, मंदिर का गर्भगृह बन कर लगभग तैयार, गोपुरम और गरुड़ स्तंभ का कार्य भी तेजी पर…
जमशेदपुर :- जमशेदपुर में लघु भारत स्मारक बनाने तथा श्री लक्ष्मीनारायण मंदिर, केबुल टाउन के विकास में कलाकारों-चित्रकारों और मूर्तिकारों की भूमिका के संबंध में एक बैठक जमशेदपुर पूर्वी के विधायक श्री सरयू राय के बिष्टुपुर स्थित कार्यालय में हुई। शहर के करीब 35 नामचीन कलाकारों ने बैठक में भाग लिया और इस संबंध में अपना पूरा योगदान देने का निर्णय किया।
बुधवार को हुई बैठक के आरंभ में श्री सरयू राय ने बताया कि श्री लक्ष्मीनारायण मंदिर केबुल टाउन, गोलमुरी के निर्माण का काम काफी तेजी से हो रहा है। मंदिर का गर्भगृह करीब-करीब बन कर तैयार है। गोपुरम (प्रवेश द्वार), गरुड़ स्तंभ का कार्य भी प्रगति पर है। जमशेदपुर के कलाकारों ने गत 22 जनवरी को अयोध्या में श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर मंदिर प्रांगण में जुट कर अद्भुत कला संगम का आयोजन किया था। इसी तरह मंदिर के निर्माण में दीवारों पर भित्ती चित्रों तथा खंभों पर नक्काशी आदि के संबंध में जमशेदपुर के कलाकारों की भूमिका अपेक्षित है। इस विषय में अपनी कल्पनाशीलता के आधार पर कलाकार मंदिर को एक आकर्षक धार्मिक पर्यटन स्थल का स्वरूप देने में योगदान करें, यह अपेक्षा है। सभी ने एकमत से इसमें अपनी भूमिका निर्धारित करने पर सहमति दी।
विधायक श्री राय ने कलाकारों को बताया कि उन्होंने टेल्को स्थित भुवनेश्वरी मंदिर के आस-पास के भूखंड पर लघु भारत का एक सजीव स्मारक बनाने की योजना के संबंध में भूमि उपलब्ध कराने के लिए टाटा मोटर्स के प्लांट हेड के साथ गत रामनवमी को वार्ता किया था और उन्हें बताया था कि देश के सभी राज्यों के निवासी जमशेदपुर में गत 100 वर्षों से अपनी सांस्कृतिक विशेषताओं के साथ रह रहे हैं। इसलिए जमशेदपुर को लघु भारत भी कहा जाता है। लघु भारत की सामाजिक, सांस्कृतिक विशेषताएं एक स्थान पर जीवंत होनी चाहिए। इसके लिए एक लघु भारत पैवेलियन का निर्माण आवश्यक प्रतीत हो रहा है। टाटा मोटर्स के प्लांट हेड ने विधायक श्री राय की अवधारणा पर सहमति व्यक्त की और इसकी रूप-रेखा का प्रस्ताव तैयार करने पर बल दिया।
श्री राय ने कलाकार समूह को बताया कि लघु भारत स्मारक तैयार करने में कलाकारों, मूर्तिकारों, चित्रकारों की महती भूमिका है। वे देश के विभिन्न राज्यों की सांस्कृतिक, साहित्यिक एवं प्राचीन परंपराओं के संबंध में आधिकारिक जानकारियां संग्रह कर एक प्रस्ताव तैयार करें जिसे मूर्त रूप देने के लिए भूखंड के आवंटन एवं अन्य संसाधनों की व्यवस्था के लिए सक्षम व्यक्तियों एवं संस्थाओं से संपर्क किया जाये। कलाकार समूह ने आपस में देश के दक्षिणी, पश्चिमी, पूर्वी, पूर्वोत्तर एवं मध्य भारत के विभिन्न राज्यों की विशेषताओं का संग्रह करने के लिए जिम्मेदारियां बांटीं और एक ठोस प्रस्ताव पर काम करने का आश्वासन दिया। सभी ने सहमति जताई कि जमशेदपुर में ऐसे स्मारक की नितांत आवश्यकता है। यह स्मारक भारत के विविधता में एकता का तथा प्राचीन काल से वर्तमान काल तक के सामाजिक-सांस्कृतिक-शैक्षणिक-आर्थिक प्रगति का तथा भविष्य में भारत की एकता और अखंडता को सुरक्षित रखने के लिए प्रेरक स्थल साबित होगा।
कलाकार समूह ने जमशेदपुर में कलाकारों के समक्ष आने वाली समस्याओं का जिक्र किया तथा इसके समाधान के लिए एवं उनकी कलाकृतियों के प्रदर्शन के लिए एक कला केंद्र की आवश्यकता पर बल दिया। इससे कलाकारों की प्रतिभा का परस्पर आदान-प्रदान संभव होगा और जमशेदपुर में टाटा स्टील के दायरे से बाहर कलाकारों के लिए सुविधाएं उपलब्ध कराने में भी इस केंद्र की भूमिका होगी। श्री राय ने उन्हें आश्वस्त किया कि वे इसके लिए जिला प्रशासन और राज्य सरकार के सक्षम प्राधिकार से वार्ता करेंगे और जमशेदपुर को लौह नगरी के साथ ही कला नगरी के रूप में भी विकसित करने की दिशा में प्रयास करेंगे।
बैठक में शुभेंदु विश्वास, बिप्लव रॉय, मुक्ता गुप्ता, देबजीत पाल राजा, अशोक माइती, ललन दत्ता, कैलाश दास, सारथी घोष, कृष्णा शरण महतो, विप्लव बिस्वास, मानिक शॉ, महादेव सरकार, मधु झा, अमृता सेन, बिबेक रंजन, प्रमीत सिथ, अरूण कुमार सिंह, सुमिता बनर्जी, तापोसी राय, सिजाता, देवब्रत बनर्जी, उत्तम मलिक, प्रबीर शाह, दीपांकर कर्मकार, सुनील कुमार, बिट्टू आदि मौजूद रहे।