देखिए डीआरएम साहेब – अय्याशी के अड्डे में तब्दील है आदित्यपुर रेलवे स्टेशन का नया भवन , नवनिर्मित रेलवे स्टेशन भवन में बिखरा पड़ा है कंडोम और लड़की का स्कर्ट , हैंडओवर के पूर्व ही भवन में आ गयी है दरारें…
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आदित्यपुर:- 2 करोड़ 25 लाख की लागत से आदित्यपुर रेलवे स्टेशन का नया भवन बनकर तैयार हो गया है। नवनिर्मित इस स्टेशन भवन को रेलवे ने अभी हैंडओवर नहीं लिया है, लेकिन स्टेशन की इस भवन में हैंडओवर होने से पहले ही दरार आने लगी है। यही नहीं इस भवन को असमाजिक तत्वों ने अपना एय्याशी का अड्डा बना लिया है। बुधवार की सुबह लोक आलोक की टीम इस भवन का पड़ताल करने पहुंची, जहां ऐसी तस्वीरे मिली जो आदित्यपुर रेलवे स्टेशन पर सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोल रही है। रेलवे स्टेशन के भवन के सीढ़ियों पर हमें कई आपत्तिजनक सामग्री बिखरे मिले, सीढ़ियों पर इस्तेमाल किया गया कंडोम फेका मिला, परिसर में कंडोम इस बात की गवाही दे रही है कि इस स्टेशन भवन को कैसे एय्याशी का अड्डा में तब्दील कर दिया गया है। हैरत की बात है कि 2.25 करोड़ की लागत से निर्मित इस भवन को रेलवे प्रशासन को हैंडओवर दिये बगैर संवेदक ने यहां से सुरक्षा प्रहरी हटा लिया है। जिसका सीधा फायदा असमाजिक तत्व उठा रहे है। सबसे बड़ी बात है कि स्टेशन की सीढ़ी पर कंडोम के पैकेट, इस्तेमाल किया गया कंडोम के साथ किसी युवती की स्कर्ट भी पड़ा मिला है। जिससे यह भी संदेह है कि क्या किसी युवती को बुलाकर उसके साथ सामुहिक तौर पर गलत किया गया है। हालांकि इन विषयों की जांच के उपरांत ही साफ हो पायेगा कि कोई अपराध हुआ है या फिर शराब और शबाब के साथ असमाजिक तत्व इस नये भवन को अपने एय्याशी के अड्डा बना लिया है। इधर मामले को लेकर आरपीएफ के प्रभारी ज्ञानेंद्र जेना का कहना है कि रात में आरपीएफ की टीम रेलवे स्टेशन पर रहती है, चुंकि नये भवन को वर्तमान में हैंडओवर नहीं लिया गया है तो इसके बारे में बेहतर संवेदक ही बता सकते है।
बिल्डिंग में कई जगहों पर दरार, चिपिंग कर छुपाने का प्रयास
आदित्यपुर रेलवे स्टेशन का यह नया भवन हैंडओवर होने के पूर्व ही इसकी गुणवत्ता पर प्रश्नचिन्ह लगने लगे है। मुख्य हॉल के खिड़कियों से नीचे बिल्डिंग में दरार आ रही है। इसके अलावे कई स्थानों पर दरारे दिख रही है, कुछ स्थानों पर दरारों को भरकर छुपाने का भी प्रयास हुआ है। इन तमाम अनियमितताओं से यह साफ हो रहा है कि भवन निर्माण में घोर अनियमितता हुई है। आसपास के लोग बताते है कि कमीशनखोरी और सरकारी पैसे के बंदरबांट के चलते बिल्डिंग निर्माण में घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया गया है। जिसकी वजह से बिल्डिंग में दारारे आ गयी है।
टेंडर लेती है बड़ी कंपनियां लेकिन पेटी संवेदकों से करवा रहा है काम
आदित्यपुर रेलवे स्टेशन में वर्तमान में विकास का काम चल रहा है। भवनों के फट जाने का मुख्य वजह बताया जा रहा है कि भवन में घटिया ईंट का इस्तेमाल किया गया है। इन भवनों का काम बड़ी बड़ी कंपनियों को मिला है, लेकिन इन कंपनियों ने लोकल पेटी संवेदकों से काम करवाया है, जिसकी वजह से बिल्डिंग के निर्माण में अनिमयमितता झलक रही है।