ग्रामीण चिकित्सक अपनी मांगों को लेकर हाईकोर्ट में अपील करेंगे– डॉ.जीतेन्द्र मौर्य

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दावथ /रोहतास (संवाददाता ):- बिहार के लगभग 21000 ग्रामीण चिकित्सकों को स्टेट हेल्थ सोसाइटीज एवं ऐनआईओऐस के संयुक्त प्रोग्राम के तहत सर्टिफिकेट इन कम्युनिटी हेल्थ का एक वर्षीय पाठ्यक्रम चलाकर ट्रेंड किया गया था की आपदा प्रबंधन एवं राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा योजना में समय समय पर सेवा में लिया जायगा। कोरोना जैसी भयंकर महामारी में सरकारी तौर पर कही भी योगदान नहीं कराया गया। जबकि यही ग्रामीण चिकित्सक ग्रामीण क्षेत्रों में तारनहार साबित हुए इसे नकारा नही जा सकता। बिहार सरकार को दैनिक वेतनमान पर ग्रामीण जन समुदाय को करोना काल में सेवा हेतु चयन करना चाहिए था परन्तु बिहार सरकार की दोहरी नीति के चलते ऐसा नही हो पाया तब ग्रामीण चिकित्सकों के अग्रणी संस्थान बिहार ग्रामीण चिकित्सक अधिकार मंच ने बिहार सरकार के वीरुद्ध हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने का मन बनाया है।इसकी जानकारी ग्रामीण चिकित्सक अधिकार मंच के राष्ट्रीय संरक्षक डॉ.जीतेन्द्र नाथ मौर्य एवं प्रदेश प्रवक्ता डॉ सचिन्द्र द्विवेदी ने संयुक्त वयान् देकर कहा। आगे उन्होंने कहा कि सरकार को भी हमारे विकास के लिए कृत संकल्पित होना चाहिए।

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