Advertisements
Advertisements

जमशेदपुर: जमशेदपुर की साहित्य, सिनेमा एवं कला की संस्था ‘सृजन संवाद’ 13 साल से निरंतर सक्रिय है, इसने जून 2024 से अपने 14वें साल में प्रवेश किया है। 138वीं संगोष्ठी इस साल का पहला आयोजन रहा। इस बार का आयोजन गूगल मीट पर किया गया। शनिवार शाम छ: बजे 12 कवियों ने कविता पाठ किया। इस कार्यक्रम का कुशल संचालन परमानंद रमण ने किया। स्वागत करते हुए ‘सृजन संवाद’ कार्यक्रम की संस्थापक-संयोजिका डॉ. विजय शर्मा ने 13वें साल के कार्यक्रमों को संक्षेप में बताते हुए आमंत्रित कवियों, संचालक, धन्यवाद कर्ता एवं श्रोताओं का स्वागत किया। सृजन संवाद की इस गोष्ठी में कई ऐसे सदस्य उपस्थित रहे जो काफ़ी समय से अपनी व्यस्तताओं के कारण इसमें शामिल नहीं हो पा रहे थे।

Advertisements
Advertisements

परमानंद रमण ने संचालन करते हुए कविता पाठ केलिए एक-एक कर कवियों को आमंत्रित किया। अखिलेश्वर पाण्डेय ‘अपना सारा लिखा भुला देना चाहते’ के साथ आए तो उन्हीं के शब्दों को आगे बढ़ाते हुए ‘वर्तनी की गलतियों’ पर सौरभ राय ने अपनी कविता सुनाई, उनकी दूसरी कविता ‘पसंद’ बच्चों तथा बूढ़ी स्त्रियों की मुस्कान से जुड़ी थी। मलेशिया से रश्मि चौबे ने विस्थापन के दर्द को साकार किया। बैंगलोर की लवली गोस्वामी ने गर्भावस्था के अनुभवों पर कविता सुनाई। भोपाल के कवि-पत्रकार सारंग उपाध्याय ने ‘प्रेम और विश्वास’ की कविता को श्रोताओं ने खूब पसंद किया। अहमदाबाद से उमा सिंह ‘किसलय’ ने गीतात्मक तरीके से अपनी कविताएँ ‘रफ़्ता रफ़्ता ही सही वक्त…’ तथा ‘मैं नदी बन…’ सुनाईं। जमशेदपुर की संध्या सिन्हा ने ‘खत, प्यार और किताब’ के बहाने बताया कि किताब है, तो हम हैं, उनकी दूसरी कविओता का शीर्षक था ‘जरूरी नहीं’। दिल्ली से ओम निश्चल ने गजल के कुछ अशआर सुनाए। बिलासपुर के सतीश जयसवाल ने छोटी-छोटी दो कविताएँ सुनाईं। केरल से शांति नायर ने ‘रंगरेजन’ तथा ‘अंतत:’ नामक कविताओं का पाठ किया। जमशेदपुर के आशुतोष कुमार झा ने ग्रामीण जीवन को उकेरते हुए ‘शहर मत जाना’ एवं ‘गाँव में बारिश’ दो कविताएँ सुनाईं।

See also  सरायकेला सड़क हादसे में बाइक सवार की मौत, दो गंभीर

बैंगलोर से संचालन कर रहे कवि परमानंद रमण ने भी छोटी दो कविताओं का पाठ किया। जमशेदपुर से कार्यक्रम में धन्यवाद ज्ञापन करते हुए वीणा कुमारी ने ‘सृजन संवाद’ की सक्रियता का उल्लेख करते हुए मंचस्थ कवियों, जुड़े श्रोताओं/दर्शकों, पत्रकारों, पोस्टर निर्माता-संचालक परमानंद रमण का धन्यवाद किया।

सृजन संवाद के इस कार्यक्रम में इन कवियों के अलावा केरल से डॉ. सी गीताकुंजम्मा, डॉ. ओमन पीवी रजु, देहरादून से सिने-समीक्षक मनमोहन चड्ढा, डॉ जमशेदपुर से. मीनू रावत, आभा विश्वकर्मा, डी. एन. एस. आनंद, अर्चना कुमारी, दिल्ली से डॉ. इला भूषण, बैंगलोर से पत्रकार अनघा, प्रणय दिनेश, वर्धा से डॉ. अमरेंद्र कुमार शर्मा तथा अपर्णा सुनिल कुमार, एश्वर्य जयचन्द प्रमुख रूप से उपस्थित थे। जिनकी टिप्पणियों से कार्यक्रम समृद्ध हुआ। ‘सृजन संवाद’ की जुलाई मास की गोष्ठी (139वीं) की घोषणा के साथ कार्यक्रम समाप्त हुआ।

Thanks for your Feedback!

You may have missed