झारखंड समेत इन राज्यों में अफीम की खेती पर लगेगा रोक।
रांची : झारखंड सहित देश के 12 राज्यों में अफीम की अवैध खेती पर रोक लगाने की कवायद शुरू हो गयी है. गुरुवार को केंद्रीय गृह मंत्रालय के एडिशनल सेक्रेटरी पीयूष गोयल, संयुक्त सचिव सुनील वर्णवाल व कृषि विभाग के अधिकारियों ने झारखंड,सहित अन्य राज्यों के पुलिस पदाधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बैठक की.इस दौरान केंद्रीय अधिकारियों ने कहा कि रैयती जमीन पर अफीम की खेती को पुलिस नष्ट कर रैयतों पर प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई करती है. वहीं सरकारी वन भूमि और गैरमजरुआ जमीन पर अवैध ढंग से जो अफीम की फसल होती है, उसे पुलिस नष्ट कर देती है, लेकिन एफआइआर नहीं करती. इससे अफीम की खेती करने वाले की पहचान नहीं हो पाती.
ऐसे में राज्यों को चाहिए कि वह स्थानीय ग्रामीणों को सामूहिक तौर पर या सेल्फ हेल्प ग्रुप बनाकर उक्त जमीन पर स्ट्रॉबरी, फल और गो-पालन जैसी स्कीम दे. ग्रामीणों को यह बताये कि अफीम की खेती से ग्रामीण दूसरे चीजों की खेती और कार्य कर ज्यादा पैसा अर्जित कर सकते हैं. इससे उनके साथ समाज को भी फायदा होगा. इस संबंध में सभी राज्यों को एक माह के अंदर सरकारी वन भूमि और गैरमजरुआ जमीन पर स्थानीय ग्रामीणों के लिए स्कीम बनाकर देने को कहा गया है. बैठक के दौरान झारखंड की ओर से सीआइडी एडीजी प्रशांत सिंह और एसपी कार्तिक एसपी ने बैठक में भाग लिया.
राज्य के दस जिलों चतरा, खूंटी, लातेहार, रांची, पलामू, चाईबासा, सरायकेला, सिमडेगा, गिरिडीह और हजारीबाग जिले में तीन वर्षों में 5659.47 एकड़ में लगी अफीम की खेती को नष्ट किया गया. वहीं 127 लोगों को गिरफ्तार किया गया. वित्तीय वर्ष 2018-19 में 1800.15 एकड़ में लगी अफीम की फसल को नष्ट किया.
मामले में 68 केस हुआ और 35 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया. 2019-20 में 1838.72 एकड़ में लगी अफीम की खेती नष्ट की गयी. वहीं 42 प्राथमिकी कर 82 लोगों को गिरफ्तार किया. इसी तरह वित्तीय वर्ष 2020-21 में 2020.60 एकड़ में लगी अफीम की फसल को नष्ट करने के साथ 76 प्राथमिकी दर्ज की गयी और 82 आरोपियों को पकड़ा गया.