युवाओं के मुद्दे पर भाजयुमो ने हेमंत सरकार को घेरा, युवा विश्वासघात दिवस मनाकर वायदे याद दिलाये

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बोले वक्ता- युवाओं के लिए बेरोजगारी भत्ता की घोषणा सबसे बड़ा छलावा, पूछा- क्या हुआ तेरा वादा!

जमशेदपुर। सूबे की हेमंत सरकार द्वारा युवाओं के मुद्दे पर अपनाए जा रहे उदासीन रवैये पर भाजपा हमलावर हो गयी है। रविवार को साकची गोलचक्कर पर भारतीय जनता युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने हेमंत सरकार को युवा विरोधी बता युवा विश्वासघात दिवस मनाते हुए धरना- प्रदर्शन किया। भाजयुमो जिलाध्यक्ष अमित अग्रवाल के नेतृत्व में आयोजित प्रदर्शन कार्यक्रम में भाजपा के कई वरीय नेतागण शामिल हुए। इस दौरान आक्रोशित युवाओं ने हेमंत सरकार के खिलाफ जमकर नारे लगाये। धरना प्रदर्शन में शामिल हुए भाजयुमो प्रदेश उपाध्यक्ष भूपेंद्र सिंह ने कहा कि हेमंत सोरेन ने युवाओं को वर्ष में 5 लाख नौकरियां देने के बड़े-बड़े वादे किए परंतु इस वायदे को पूर्ण करने की दिशा में एक भी सकारात्मक प्रयास अब तक नही किये गए। एक ओर जहां रोजगार देने में सरकार पूर्ण रूप से विफल साबित हुई तो वहीं दूसरी ओर रोजगार की बात करने वाले युवाओं को लाठियां एवं मुकदमे झेलने पड़ रहे हैं। रोजगार के मुद्दे पर अपनी बातों को शांतिपूर्ण ढंग से रखने वाले युवाओं को रात के अंधेरे में सड़कों पर दौड़ा दौड़ा कर पीटा गया है। आज प्रदेश का युवा खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहा है। राज्य की महागठबंधन सरकार ने रोजगार के नाम पर युवाओं को छलने का काम किया है।

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भाजपा प्रदेश प्रवक्ता सह पूर्व विद्यायक कुणाल षाड़ंगी ने कहा कि बेरोजगारी भत्ता के नाम पर हेमंत सरकार ने क्रूर मजाक किया है। झामुमो ने अपने घोषणापत्र में नौकरी नहीं मिलने तक सभी बेरोज़गार स्नातकों को 5,000 रुपए एवं स्नातकोत्तर को 7,000 रुपए का भत्ता देने का वायदा किया। लेकिन महागठबंधन की सरकार ने इनमें तकनीकी प्रशिक्षण कोर्स एवं निबंधन का पेच जोड़ दिया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी को हार्वर्ड जैसे विश्व विख्यात विश्वविद्यालय में संबोधन का अवसर मिला। परंतु हार्वर्ड विश्वविद्यालय के प्रबंधन से मदद लेने और युवाओं के हित में बेहतर योजना बनाने के बजाय आदिवासी हिन्दू है या नहीं ये साबित करने में लगे हैं। इन घटनाक्रम से साबित होता है कि राज्य सरकार की प्राथमिकता क्या है। वे युवाओं के मुद्दों पर कितनी गंभीर और संवेदनशील है।

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भाजपा जिलाध्यक्ष गुंजन यादव ने हेमंत सरकार को चुनावी वायदे याद दिलाते हुए कहा कि झामुमो-काँग्रेस ने केवल सत्ता सुख के लिए युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया। जमशेदपुर की धरती पर साल में पांच लाख युवाओं को नौकरी अन्यथा राजनीति से सन्यास की घोषणा करने वाले एवं खुद को युवाओं का हितैषी बताने वाले मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सरकार में युवाओं पर लाठीचार्ज और मुकदमे हो रहे हैं। छठी जेपीएससी के मुद्दे पर विपक्ष के नेता के रूप में दो साल सदन नहीं चलने नही देने वाले हेमंत सोरेन ने कहा था कि छठी जेपीएससी रद्द करेंगे परंतु इसके ठीक उलट उन्होंने कोरोनाकाल में मध्यरात्रि में परिणाम जारी कर दिए। वहीं, नई स्थानीय नीति लागू किये बिना स्थानीय नीति को रद्द कर हेमंत सरकार ने चयनित हुए लाखों अभ्यर्थियों का भविष्य चौपट कर दिया।

इन वक्ताओं ने भी किया संबोधित: भाजयुमो जिलाध्यक्ष अमित अग्रवाल , प्रदेश उपाध्यक्ष निशांत कुमार, पूर्व जिलाध्यक्ष देवेंद्र सिंह, अभय सिंह, पूर्व विद्यायक मेनका सरदार, प्रदेश मंत्री रीता मिश्रा व अन्य ने भी युवाओं के मुद्दे पर हेमंत सरकार पर जमकर हमला किया।

इस अवसर पर राज्य महिला आयोग के पूर्व अध्यक्ष कल्याणी शरण, सांसद प्रतिनिधि संजीव कुमार, संजीव सिन्हा, बबुआ सिंह, भाजयुमो प्रदेश प्रवक्ता अमिताभ सेनापति, उमेश पांडे, अमरजीत सिंह राजा, दिनेश शर्मा, प्रदीप मुखर्जी, मनोज बाजपाई, स्वेता कुमारी, कमलेश साहू, विकास सिंह, राजकुमार सिंह, दीपू सिंह, अभिमन्यु सिंह चौहान, मोंटी अग्रवाल, सन्नी संघी, धर्मेंद्र प्रसाद, मुचीराम बाउरी, ज्योति अधिकारी, अजीत कालिंदी, बीनानंद सिरका, मोहम्मद निसार समेत सभी मंडल से आये हजारों युवा कार्यकर्ता मौजूद रहे।

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