चार्ल्स डार्विन की 215वीं जंयती पर सत्येंद्र नारायण उच्च विद्यालय में वैज्ञानिक चेतना को लेकर विशेष कार्यक्रम आयोजित
जमशेदपुर: स्कूली बच्चों ने जीवों की उत्पत्ति से लेकर विकास क्रम के बारे में जाना महान वैज्ञानिक चार्ल्स डार्विन के 215वें जन्म दिवस के अवसर पर सोमवार 12 फ़रवरी को “वैज्ञानिक चेतना” कार्यक्रम अन्तर्गत सत्येन्द्र नारायण उच्च विद्यालय, आदित्यपुर 2 में कुछ शॉर्ट फिल्में दिखाई गई और जीवों के क्रमिक विकास पर आधारित पोस्टर प्रदर्शनी और मोबाइल लाइब्रेरी लगाई गई।
डॉक्यूमेंट्री ” कहानी धरती के उत्पत्ति की “
आरंभ युवा मंच के तत्वावधान में आयोजित इस विशेष कार्यक्रम के दौरान चार्ल्स डार्विन द्वारा कार्यों और जीव जगत के विकास क्रम को लेकर जो किया गया है, उनके बारे में ख़ास तौर पर लघु फिल्में दिखाई गईं, जिनमें “The Theory of Evolution”, ” कहानी धरती की”आदि शामिल थीं।
इंटरेक्शन सेशन में बच्चों ने भाग लिया विद्यालय के स्टूडेंट्स बड़े ही चाव से इस पूरे कार्यक्रम में शामिल हुए और तमाम विषयों पर हुई सवाल जवाब परिचर्चा में भाग लिया। इस दौरान ज्ञान व विज्ञान के विस्तृत व्याख्या की और हमारे जीवन में विज्ञान का क्या महत्व है, इसके बारे में विद्यार्थियों से सवाल-जवाब किया. इसी क्रम में लघु फ़िल्में दिखाने के पश्चात् विकास कुमार ने भी करोड़ों वर्षों के जीवों की उत्पत्ति व विकास-क्रम पर चर्चा करते हुए बताया कि कैसे इस दुनियां में रहने वाले सभी जीवों की ऊत्पत्ति साइनोबैक्टीरिया द्वारा सौरमंडल में लगातार करोड़ों सालों तक ऑक्सीजन फ़ैलाने के बाद पृथ्वी पर जीवन संभव हुआ.
पोस्टर्स और मोबाइल लाइब्रेरी
इससे पहले विद्यालय परिसर में जीवन की उत्पत्ति और विकास-क्रम से जुड़े विभिन्न प्रकार के पोस्टर्स लगाए गए, जिन्हें बच्चों ने बारीकी से देखा और समझा. स्टाल पर लगी कुछ ख़ास पुस्तकों में भी उन्होंने अभिरुचि दिखाई. इसमें वैज्ञानिक चेतना का प्रचार-प्रसार करने वाली कई पुस्तकें शामिल थीं.
कार्यक्रम को सफ़ल बनाने में विकास कुमार, अंकुर शाश्वत, नीलेश राज और शशांक शेखर का उल्लेखनीय योगदान रहा।
इस अवसर पर स्कूल की प्रभारी प्रधानाध्यापक उषा महतो, अंगिता कुमारी, कुमारी पुनिता लक्ष्मी, रीना कुमारी, प्रियरंजन आचार्या, योगेन्द्र महतो, कौशल किशोर राय, अस्मिता प्रधान (ICT INSTRUCTIOR), चन्द्रावती महतो(क्लर्क), चार बीएड प्रशिक्षु सहित अस्मिता प्रधान (ICT INSTRUCTIOR), चन्द्रावती महतो और विद्यालय के तमाम बच्चे मौजूद रहे।