झारखंड के ‘प्रतिबिंब’ एप से देशभर में 1100 से अधिक साइबर अपराधी गिरफ्तार, हर दिन 5000 लोकेशन ट्रेस हो रहे…

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झारखंड :झारखंड पुलिस द्वारा विकसित ‘प्रतिबिंब’ एप ने साइबर अपराधों पर काबू पाने में बड़ी सफलता हासिल की है। पिछले 10 महीनों में इस एप की मदद से 1100 से ज्यादा साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है। हाल ही में गृह मंत्री अमित शाह ने नई दिल्ली में डीजीपी अनुराग गुप्ता और इस एप के निर्माता गुंजन कुमार को इस उपलब्धि के लिए सम्मानित किया।

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‘प्रतिबिंब’ एप की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह साइबर अपराधों में इस्तेमाल हो रहे मोबाइल फोनों की रियल-टाइम लोकेशन ट्रैक करता है। इससे पुलिस को अपराधियों की लाइव लोकेशन मिल जाती है, जिससे उन्हें पकड़ना आसान हो जाता है।

इस एप को इंडियन साइबर क्राइम कॉर्डिनेशन सेंटर (I4C) और सीआईडी झारखंड के सहयोग से तैयार किया गया है। देशभर के नागरिक अपनी साइबर शिकायतें I4C को भेजते हैं, जहां से इन्हें सीआईडी झारखंड के साथ साझा किया जाता है। इसके बाद, प्रतिबिंब एप की सहायता से अपराधियों की वर्तमान लोकेशन को टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स की मदद से ट्रेस किया जाता है, जिसे देशभर के पुलिस प्रमुखों के साथ साझा किया जाता है।

एप के निर्माता गुंजन कुमार ने बताया कि ‘प्रतिबिंब’ को अक्टूबर 2023 में तैयार किया गया और 8 नवंबर 2023 को साइबर क्राइम कॉर्डिनेशन टीम की कार्यशाला में लॉन्च किया गया। डीजी सीआईडी अनुराग गुप्ता की प्रेरणा से इस एप की जरूरत महसूस हुई ताकि झारखंड में बढ़ते साइबर अपराधों को रोका जा सके। बाद में इस एप को पूरे देश में अपनाया गया।

गुंजन कुमार ने बताया कि इस एप के जरिए प्रतिदिन 3000 से 5000 साइबर अपराधियों की लोकेशन ट्रेस की जा रही है, जिससे पुलिस को तेजी से कार्रवाई करने में मदद मिलती है।

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गुंजन कुमार ने बताया कि वह महिला और बच्चों की साइबर सेफ्टी पर भी काम कर रहे हैं। इसके अलावा, वरिष्ठ नागरिकों को साइबर अपराधों से बचाने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं, क्योंकि वे अक्सर इन अपराधों का शिकार होते हैं।

प्रतिबिंब एप ने न सिर्फ झारखंड बल्कि पूरे देश में साइबर अपराधों पर नियंत्रण पाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, और इसे भविष्य में और भी व्यापक रूप से लागू करने की योजना है।

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