सरस्वती शिशु मंदिर उच्च विद्यालय में मेधावी छात्र छात्राओं को किया गया सम्मानित
सरायकेला: सरस्वती शिशु मंदिर उच्च विद्यालय सरायकेला के शांतिकुंज में मंगलवार को माध्यमिक परीक्षा में उत्तीर्ण सर्वोत्कृष्ट 10 मेधावी छात्र-छात्राओं का सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ जमशेदपुर विभाग के विभाग प्रमुख तुलसी प्रसाद ठाकुर,जिला मातृ संस्था के संचालक सत्यनारायण अग्रवाल,जिला प्रचारक निरंजन, विद्यालय प्रबंध समिति के अध्यक्ष रामनाथ आचार्य व उपाध्यक्ष विशकेशन सतपथी द्वारा संयुक्त रूप से द्वीप प्रज्वलित कर किया गया। विद्या विकास समिति झारखंड प्रांत के जमशेदपुर विभाग के विभाग प्रमुख तुलसी प्रसाद ठाकुर ने कार्यक्रम की प्रस्तावना प्रस्तुत करते हुए कहा कि मेधावी छात्र-छात्राओं का सम्मान के माध्यम से आने वाली पीढ़ी को एक नई रास्ता मिलता है। यही सफल बच्चे आगे चलकर समाज में अपना विशिष्ट स्थान प्राप्त करते हैं। इन्हीं को देख अन्य भैया बहन भी उन्हीं के बताए गए रास्ते पर चलते हैं और समाज की प्रगति में अपना योगदान देते है। विद्यालय प्रबंध समिति के अध्यक्ष रामनाथ आचार्य ने कहा कि माध्यमिक परीक्षा में सफलता हमारे विद्यालय के आचार्य दीदी के साथ-साथ अभिभावकों का भी विशेष सहयोग का परिणाम है। हमें जीवन के सफर में दृढ़ संकल्प से संकल्पित होकर आने वाली रूकावटों से जूझते हुए निरंतर प्रगति के पथ पर आगे बढ़ते रहना चाहिए। अच्छे चरित्र निर्माण और सुसंस्कार पर हमारा विशेष जोर रहता है। लक्ष्य को पाने के लिए कठिन परिश्रम के साथ-साथ दृढ़ संकल्प का भी जरूरत पड़ता है। जीवन में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं। समुचित इच्छा शक्ति और कर्तव्य के पथ पर हम लक्ष्य की प्राप्ति कर सकते हैं।प्रधानाचार्य पार्थ सारथी आचार्य ने कहा कि सम्मान मांग कर नहीं लिया जाता इसे अपने आचार,विचार, व्यवहार से प्राप्त किया जाता है। हमारे भैया बहन अपना नाम समाज में प्रतिस्थापित करें यही हमारी मनोकामना है। इस अवसर पर शालिनी दीदी और जयप्रकाश आचार्य ने भी अपने विचार व्यक्त किए। सभी मेधावी भैया बहनों और अभिभावको ने बच्चों के अच्छे परिणाम का श्रेय विद्यालय प्रबंधन को दिया है। इस अवसर पर प्रथम दस स्थान प्राप्त करने वाले भैया बहनों को स्मारक और माता-पिता को अंग वस्त्र व तुलसी का पौधा देकर सम्मानित किया गया। मौके पर उप प्रधानाचार्य तुषार कांत पति,समिति के सदस्य चिरंजिवी महापात्र व आदित्य दुबे समेत सभी आचार्य दीदी उपस्थित थे।