जानें भगवद गीता के बारे में पांच अज्ञात और रोचक तथ्य, जो तथ्य भगवद गीता की महानता और व्यापक प्रभाव को दर्शाते हैं…
लोक आलोक न्यूज सेंट्रल डेस्क:भगवद गीता हिंदू धर्म का एक पवित्र ग्रंथ है, जिसमें भगवान श्रीकृष्ण और अर्जुन के बीच का संवाद संकलित है। यह महाभारत के युद्ध के दौरान कुरुक्षेत्र के मैदान में हुआ था। गीता में जीवन के विभिन्न पहलुओं पर गहन विचार और मार्गदर्शन मिलता है, जैसे कर्म, भक्ति, और ज्ञान योग। इसके 18 अध्याय और 700 श्लोक मानव जीवन के लिए मार्गदर्शक माने जाते हैं। गीता का प्रभाव न केवल धार्मिक बल्कि प्रबंधन, नेतृत्व और आत्म-विकास के क्षेत्र में भी व्यापक है।
यहां कुछ अज्ञात और रोचक तथ्य भागवत गीता के बारे में दिए गए हैं:
1. कृष्ण-अर्जुन संवाद: भगवद गीता का संपूर्ण संवाद भगवान श्रीकृष्ण और अर्जुन के बीच हुआ था, जो महाभारत के युद्धक्षेत्र कुरुक्षेत्र में हुआ था। यह संवाद केवल 45 मिनट में समाप्त हो गया था।
2. प्राचीनतम अनुवाद: भगवद गीता का सबसे पुराना अनुवाद 8वीं सदी में अद्वैत वेदांत के आचार्य आदि शंकराचार्य ने संस्कृत में किया था। यह अनुवाद भगवद गीता के अध्ययन और प्रचार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
3. 18 अध्याय और 700 श्लोक: भगवद गीता में कुल 18 अध्याय और 700 श्लोक हैं। यह 18 अध्याय महाभारत के भीष्म पर्व का एक हिस्सा हैं।
4. गीता के महत्व पर विभिन्न भाष्य: भगवद गीता पर अनेक महापुरुषों ने भाष्य लिखे हैं, जिनमें स्वामी विवेकानंद, महात्मा गांधी, बाल गंगाधर तिलक और श्री अरबिंदो शामिल हैं। इन सभी ने गीता के विभिन्न पहलुओं पर गहराई से चिंतन किया है।
5. गीता का प्रभाव: भगवद गीता ने न केवल भारतीय संस्कृति और दर्शन पर अपार प्रभाव डाला है, बल्कि विश्वभर में इसे एक महान धार्मिक और दार्शनिक ग्रंथ के रूप में स्वीकार किया गया है। वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन और मनोवैज्ञानिक कार्ल युंग जैसे प्रसिद्ध व्यक्तियों ने भी गीता के ज्ञान को सराहा है।