साक्षरता के क्षेत्र में झारखंड की छलांग: यूपी-बिहार समेत छह बड़े राज्यों को पीछे छोड़ा…



लोक आलोक सेंट्रल डेस्क: झारखंड की जनता के लिए यह गर्व की बात है कि राज्य ने शिक्षा के क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि हासिल की है। हाल ही में जारी केंद्रीय सांख्यिकीय और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, झारखंड की औसत साक्षरता दर 73.85 प्रतिशत हो गई है। यह दर न केवल पड़ोसी राज्यों बिहार (70.1%) और उत्तर प्रदेश (72.6%) से अधिक है, बल्कि तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान जैसे अन्य बड़े राज्यों को भी पीछे छोड़ चुकी है।


रिपोर्ट के अनुसार, झारखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में साक्षरता दर 71% और शहरी क्षेत्रों में 86% दर्ज की गई है। ग्रामीण पुरुषों की साक्षरता दर 80.6% और महिलाओं की 61.4% है, जबकि शहरी क्षेत्रों में 92.6% पुरुष और 78.6% महिलाएं साक्षर हैं। ओवरऑल देखें तो झारखंड में पुरुषों की साक्षरता दर 83% और महिलाओं की 64.7% है।
रिपोर्ट यह भी दर्शाती है कि झारखंड के शहरी पुरुषों की साक्षरता दर (92.6%), राष्ट्रीय औसत (92.2%) से अधिक है, जो दिल्ली और कर्नाटक जैसे राज्यों से भी बेहतर प्रदर्शन है। झारखंड के शहरी पुरुषों की साक्षरता दर ने आंध्र प्रदेश, असम, छत्तीसगढ़, जम्मू-कश्मीर, मध्य प्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों को पीछे छोड़ दिया है।
हालांकि, महिलाओं की साक्षरता दर में अभी और सुधार की आवश्यकता है। राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न शिक्षा योजनाओं और जागरूकता अभियानों का सकारात्मक असर अब नजर आने लगा है।
झारखंड ने शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति करते हुए यह साबित कर दिया है कि मजबूत नीति और जनसहयोग से कोई भी राज्य नई ऊंचाइयों को छू सकता है।
