Jharkhand News: झारखंड में देसी चिकित्सा को बढ़ावा, 35 हेल्थ कॉटेज बनेंगे, 258 आयुष चिकित्सकों की होगी बहाली…

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लोक आलोक सेंट्रल डेस्क:झारखंड सरकार राज्य में देसी चिकित्सा प्रणाली — यानी आयुष (आयुर्वेद, योग, यूनानी, सिद्ध, होम्योपैथी) — को बढ़ावा देने की दिशा में बड़ा कदम उठाने जा रही है। राष्ट्रीय आयुष मिशन के तहत 167.83 करोड़ रुपये की लागत से राज्य में 35 हेल्थ कॉटेजों का निर्माण किया जाएगा, जहां पंचकर्म सहित अन्य देसी चिकित्सा पद्धतियों से मरीजों का इलाज किया जाएगा।

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स्वास्थ्य विभाग के प्रस्ताव के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2025-26 में पहले चरण के तहत 10 मौजूदा पंचकर्म केंद्रों को हेल्थ कॉटेज में परिवर्तित किया जाएगा, जबकि 25 नए हेल्थ कॉटेज बनाए जाएंगे। हर हेल्थ कॉटेज में एक-एक आयुष चिकित्सक को अनुबंध पर नियुक्त किया जाएगा।

इन केंद्रों में पंचकर्म, योग, आयुर्वेद और अन्य पारंपरिक पद्धतियों से इलाज की सुविधा उपलब्ध होगी। इसके अलावा, राष्ट्रीय आयुष मिशन के तहत ‘नेशनल प्रोग्राम फॉर प्रिवेंशन एंड मैनेजमेंट ऑफ आर्थराइटिस एंड अदर मस्कुलोस्केलेटल डिसऑर्डर’ के अंतर्गत 258 आयुष चिकित्सकों की बहाली की जाएगी, जिनमें से कई को इन हेल्थ कॉटेजों में पदस्थापित किया जाएगा।

गौरतलब है कि पंचकर्म आयुर्वेद की एक प्रमुख चिकित्सा प्रणाली है, जिसका उद्देश्य शरीर को डिटॉक्स करना और विषैले तत्वों को बाहर निकालना होता है। पंचकर्म शब्द का अर्थ है ‘पांच क्रियाएं’, जिनके माध्यम से शरीर की गहराई से सफाई की जाती है।

हेमंत सोरेन सरकार के इस फैसले को ग्रामीण और पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों को बढ़ावा देने के रूप में देखा जा रहा है, जिससे राज्य के सुदूर इलाकों में भी सस्ती और प्रभावी चिकित्सा सुविधा उपलब्ध हो सकेगी।

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