झारखंड हाईकोर्ट का सख्त आदेश: डैम और जलाशयों से तीन हफ्ते में हटाएं अतिक्रमण…
झारखंड: झारखंड हाईकोर्ट ने रांची के डैम और जलाशयों में हो रहे अतिक्रमण को लेकर सख्त रुख अपनाते हुए बड़ा फैसला लिया है। एक्टिंग चीफ जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद और जस्टिस ए.के. राय की बेंच ने शुक्रवार को रांची के धुर्वा डैम, गेतलसूद डैम, कांके डैम, और हरमू नदी समेत अन्य जलाशयों पर हो रहे अतिक्रमण को हटाने के लिए तीन सप्ताह के भीतर बड़ा अभियान चलाने का निर्देश दिया है।
कोर्ट ने राज्य सरकार और रांची नगर निगम को निर्देश दिया कि वे डैम और जलाशयों को अतिक्रमण मुक्त करने के लिए एक स्पष्ट एक्शन प्लान तैयार करें। अदालत ने कहा कि ग्राउंड वाटर लेवल के लगातार नीचे जाने से जलापूर्ति के लिए डैमों पर निर्भरता बढ़ गई है। ऐसे में अगर डैमों पर अतिक्रमण जारी रहा तो भविष्य में जल संकट की समस्या गंभीर हो सकती है।
सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने यह दलील दी कि डैमों के कैचमेंट एरिया में अतिक्रमण के कारण पानी की कमी नहीं हो रही है, बल्कि वर्षा की कमी इसके लिए जिम्मेदार है। इस पर हाईकोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा कि कांके डैम, धुर्वा डैम, और गेतलसूद डैम के कैचमेंट एरिया में अतिक्रमण की वजह से जलसंचय की क्षमता घटी है। कोर्ट ने राज्य सरकार की इस दलील को खारिज कर दिया और इसे दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया।
कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि रांची के बड़ा तालाब में गिरने वाले गंदे पानी को रोकने के लिए नगर निगम उचित व्यवस्था करे ताकि गंदा पानी ट्रीटमेंट प्लांट से ट्रीट होकर ही तालाब में जाए। इसके साथ ही, सेवा सदन से निकलने वाली गंदगी का ट्रीटमेंट सेवा सदन खुद सुनिश्चित करे और यह किसी भी हालत में बड़ा तालाब में न जाए।
अदालत ने हिनू नदी में चहारदीवारी बनाकर किए गए अतिक्रमण को भी गंभीरता से लेते हुए नगर निगम को तत्काल इसे हटाने का आदेश दिया है। मामले की अगली सुनवाई 6 सितंबर को होगी।