क्या बंगाल में ठीक नहीं है कानून-व्यवस्था! कभी ED तो कभी NIA पर हो रहे हमले, वे घटनाएं जिनकी देशभर में हुई चर्चा…
लोक आलोक न्यूज सेंट्रल डेस्क:-Lok Sabha Election 2024 पश्चिम बंगाल की बदहाल कानून व्यवस्था की गूंज राष्ट्रीय पटल पर हमेशा होती है। इस मुद्दे पर विपक्षी दल सत्ताधारी दल पर निशाना साधते हैं। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इसे बंगाल की छवि को खराब करने की साजिश बताती हैं। इस बार भी चुनाव में कानून-व्यवस्था ज्वलंत मुद्दा है। यहां ईडी और एनआईए पर भी हमले हो चुके हैं।
बीते साल दरअसल, विधि-व्यवस्था बदहाल बंगाल में पार्टियां बदलीं, सरकार बदली, सियासी चेहरे बदले, पुलिस तंत्र भी बदलता गया, नहीं बदली तो बस कानून एवं व्यवस्था की बदतर हालत। समय के साथ पुलिस डिस्ट्रिक्ट के गठन हुए, कमिश्नरेट बने, दर्जनों थाने खुले, विभिन्न पुलिस प्रकोष्ठ के निर्माण हुए, ढेरों पद सृजित हुए, पुलिसकर्मियों को अत्याधुनिक हथियारों व उपकरणों से लैस किया गया, फिर भी कानून एवं व्यवस्था की स्थिति जस की तस है।
हर चुनाव में कानून-व्यवस्था मुद्दा
वाममोर्चा के 34 वर्षों के शासनकाल से लेकर वर्तमान में तृणमूल कांग्रेस के 13 वर्षों के राज तक बंगाल में कानून एवं व्यवस्था की बदहाली प्रत्येक चुनाव में बदस्तूर ज्वलंत मुद्दा बना हुआ है। इस लोकसभा चुनाव में भी इसकी गूंज सुनाई दे रही है।
भाजपा, कांग्रेस, वाममोर्चा से लेकर चुनावी मैदान में उतरे छोटे-बड़े सभी दल कानून एवं व्यवस्था की स्थिति को लेकर तृणमूल पर निशाना साध रहे हैं। दूसरी ओर राज्य की मुख्यमंत्री व तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी हर बार की तरह इसे विरोधी दलों की बंगाल की छवि बिगाड़ने की साजिश करार दे रही हैं।
टीएमसी नेताओं का ये तर्क
वहीं, तृणमूल के नेता-कार्यकर्ता चुनाव प्रचार में कह रहे हैं कि राष्ट्रीय क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो ने कोलकाता को देश का सबसे सुरक्षित शहर करार दिया है। आखिर बंगाल में कानून एवं व्यवस्था ध्वस्त क्यों है..