इमरजेंसी सेवा के नाम पर शहर के नर्सींग होम में नहीं मिल रही सुविधाएं , गंगोत्री हेल्थ केयर का मामला , डॉ मिथिलेश ने अपने सहयोगी से ही कहा – रात में फोन नहीं करो , मरीज को सुबह आने बोलो …क्या डॉक्टर को इमेरजेंसी का मतलब नहीं पता ???

Advertisements
Advertisements

आदित्यपुर :- शहर में कोरोना के बाद से चिकित्सक और नर्सींग होम की मनमानी किस हद तक बढ़ गई है इसका अंदाजा नहीं लगाया जा सकता । बता दें कि मामला आदित्यपुर स्थित गंगोत्री हेल्थ केयर का है जहाँ इमरजेंसी के नाम पर पैसा तो जरूर लिया जाता है लेकिन सुविधा के नाम पर डॉक्टर मरीज के परेशानी को सुनना भी पसंद नहीं करते है । बीते मंगलवार को गंगोत्री हेल्थ केयर में चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉ मिथिलेश कुमार से एक अभिभावक ने अपने बच्चे का जाँच करवाया । और दवा लेकर चले भी गए । लेकिन रात में बच्चे को इन्फेक्शन हुआ और उसे पूरे शरीर में परेशानी होने लगी । अभिभावक ने रीसेप्शन में कॉल किया तो बच्चे को लेकर आने को कहा गया । रात के 11 बजे के लगभग ठंड के मौसम में बच्चे को लेकर अभिभावक नर्सींग होम आ भी गए । वहाँ मौजूद जूनियर डॉक्टर ने डॉ मिथिलेश को कॉल किया तो उन्होंने पहले तो कॉल रिसीव नहीं किया कई बार करने के बाद रिसीव किया तो उन्हे मामला समझाया गया लेकिन जिसके बाद उन्होंने कोई एक दवा बताया लेकिन मुश्किल ये था कि बताए गए दवा से बच्चे को पहले भी ऐलर्जी हो चुका है जिसके वजह से अभिभावक ने लेने से मना कर दिया । जिसके बाद फिर से डॉ मिथिलेश को कॉल किया गया लेकिन डॉ मिथिलेश ने साफ तौर पर कह दिया कि रात को कॉल मत करो ……मरीज को बोलो सुबह आने ….सवाल यह है कि अगर मुश्किल के समय में भगवान का दूसरा रुप कहे जाने वाले डॉक्टर भी हाथ खड़े कर दें तो फिर वैसे डॉक्टर समाज का क्या कल्याण करेंगे । अगर रात में इमरजेंसी सेवा देने में कोई डॉक्टर या फिर नर्सींग होम सक्षम नहीं है तो बेहतर है कि मरीज को बेवकूफ बना कर लूटने के बजाय रात्री सेवा बंद कर दें या फिर सुचारु रूप से सर्विस दिया करें ।

Advertisements
Advertisements

You may have missed