अस्पताल 111 के मामले में सरयू राय ने उठाये कई सवाल , कहा-आदित्यपुर-जमशेदपुर का कोई भी अस्पताल कितने दिन में ये सूचनायें दे सकता है, जो 111 सेव नर्सिंग होम से पूछे गये, यह प्रयास सूचना लेने का है या परेशान करने का ! सरकार पर भी सरयू राय ने उठाये सवाल

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सरायकेला : सरायकेला-खरसावां जिले के आदित्यपुर- दो स्थित 111 सेव लाईफ अस्पताल के प्रबंधक डॉक्टर ओपी आनंद के समर्थन में जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय खुलकर सामने आ गए हैं. सोमवार को सरयू राय डॉ आनंद के आदित्यपुर- 2 स्थित गायत्री शिक्षा निकेतन परिसर स्थित आवास पहुंचे जहां उन्होंने डॉ आनंद के बड़े भाई एवं शुभचिंतकों से मुलाकात कर पूरे घटनाक्रम के संबंध में विस्तृत जानकारी हासिल की वैसे मीडिया से बातचीत के दौरान सरयू राय ने इसे झारखंड सरकार के लिए आत्मघाती कदम बताया और कहा सरकार को इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे उन्होंने इसे दुर्भावना से ग्रसित कार्रवाई करार देते हुए सवाल किया है कि सिविल सर्जन सरायकेला-खरसावां की अध्यक्षता में क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के तहत 111 सेव लाइफ अस्पताल, आदित्यपुर की जांच 15.05.2021 को की गयी. तीन सदस्यीय जांच टीम ने 17.05.2021 को जांच प्रतिवेदन दिया. जिसमें कहा गया है कि अस्पताल प्रबंधन ने जांच कमिटी को पूरा सहयोग दिया एवं सभी फाइलें दिखाया. हालांकि जांच करने पहुंची टीम का नेतृत्व कर रहे प्रभारी सिविल सर्जन ने मीडिया को अस्पताल प्रबंधन द्वारा जांच में सहयोग नहीं करने की बात कही गई थी. साथ ही अस्पताल में कई खामियां पाए जाने की बात कही गई थी. वहीं जांच टीम के लौटने के बाद मीडिया से बातचीत के क्रम में अस्पताल के प्रबंधक डॉ ओपी आनंद ने जांच टीम और राज्य के स्वास्थ्य मंत्री के खिलाफ जमकर भड़ास निकालते हुए राज्य के स्वास्थ्य मंत्री के खिलाफ अमर्यादित टिप्पणी करते हुए कहा था, अगर अस्पताल में गम्भीर मरीज नहीं होते तो ऐसे जांच अधिकारियों और स्वास्थ्य मंत्री को कूट कर रख देता. साथ ही अश्लील भाषाओं का भी प्रयोग किया गया था हालांकि अगले ही दिन स्वास्थ्य मंत्री ने डॉ आनंद को अपना बड़ा भाई बताते हुए उनके बयान पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई थी हां उन्होंने इतना जरूर कहा था कि पूरे मामले की निष्पक्ष जांच जिले के उपायुक्त कर रहे हैं. साथ ही उन्होंने जिले के उपायुक्त को निर्देश दिए जाने की बात कही थी. जिसमें उन्होंने कहा था, कि दुर्भावना से ग्रसित होकर कोई कार्यवाई नहीं करनी है. इसके बाद 18.05.2021 को आठ सदस्यीय नई जांच समिति गठित की गयी. जिनके द्वारा 72 घंटे की जांच के बाद 24 घंटे के भीतर 111 सेव लाइफ अस्पताल प्रबंधन से 18 बिंदुओं पर जवाब तलब करते हुए विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई. इसको लेकर सरयू राय ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा है कि जमशेदपुर और आदित्यपुर का कोई भी अस्पताल कितने दिनों में ये सूचनाएं दे सकता है. यह प्रयास सूचना लेने का या परेशान करने का. गौरतलब है कि उपायुक्त सरायकेला- खरसावां के ज्ञापांक 662, दिनांक 18.05.2021 के द्वारा गठित 8 सदस्ययी जांच दल द्वारा शिकायतकर्ता स्वेता साह, जयोत्सना एवं निधि झा एवं प्रीति कुमारी के शिकायत के आलोक में दिनांक 19.05.2021 को 111 सेव लाइफ हाॅस्पिटल, आदित्यपुर का जांच किया, जिसमें जांच समिति द्वारा अस्पताल प्रबंधन से क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट 2010, झारखंड स्टेट क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट (रजिस्ट्रेशन एण्ड रेग्युलेशन) रूल -2013 के अंतर्गत निम्नलिखित बिन्दुओं की पृच्छा की गयी एवं अस्पताल पबंधन से 24 घंटे के अंदर पृच्छित बिन्दुओं पर साक्ष्य सहित उत्तर उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है. इसके तहत शिकायतकर्ता स्वेता साह, ज्योत्सना एवं निधि झा एवं प्रीति कुमारी के शिकायत की प्रति जांच के दौरान समिति द्वारा 111 सेव लाइफ हाॅस्पिटल आदित्यपुर के प्रबंधक डॉ ओपी आनंद को उपलब्ध करा दी गयी है. जिसका स्पष्टीकरण लिखित रूप से साक्ष्य सहित जांच समिति को उपलब्ध कराने को कहा गया है. इसके अलावा विगत 14 दिनों का अस्पताल में लगे सीसीटीवी का कम्प्लीट फुटेज उपलब्ध कराने. अस्पताल के ड्यूटी रोस्टर के अनुसार विगत 02 वर्षों का मानव संसाधन (एचआर) की सूची उपलब्ध कराने. अस्पताल में कार्यरत टेक्नीकल/ नान टेक्नीकल कर्मियों के विगत 02 वर्षों का पेरोल उपलब्ध कराने. अस्पताल में कार्यरत टेक्नीकल/ नाॅन टेक्नीकल चिकित्सा पदाधिकारी/ कर्मियों एवं आउटसोर्स अथवा ऑनकॉल चिकित्सा पदाधिकारियों की शैक्षणिक/प्रशैक्षणिक योग्यता संबंधी प्रमाण पत्र उपलब्ध कराने. पिछले 03 वर्षों के आयुष्मान भारत योजना के अन्तर्गत ईलाज किये गये अथवा ईलाजरत रोगियों का विस्तृत विवरणी यथा मरीज का नाम, पता, रोग का नाम, अस्पताल में भर्ती की तिथि, उपचार करने वाले चिकित्सक का नाम एवं रजिस्ट्रेशन संख्या, चिकित्सीय जाँच, ईलाज में उपयोग दवाई/उपकरण आदि की विवरणी सहित ईलाज में हुये व्यय राशि की विवरणी उपलब्ध कराने. पिछले 3 वर्षों का मुख्यमंत्री गंभीर बीमारी योजना के अंतर्गत इलाज किए गए अथवा इलाजरत रोगियों का विस्तृत विवरणी यथा मरीज का नाम, पता, रोग का नाम, अस्पताल में भर्ती की तिथि, उपचार करने वाले चिकित्सक का नाम एवं रजिस्ट्रेशन संख्या, चिकित्सीय जाँच, ईलाज में उपयोग दवाई/ उपकरण आदि की विवरणी सहित ईलाज में हुये व्यय राशि की विवरणी उपलब्ध कराने. पिछले 3 वर्षों का अस्पताल का आय-व्यय का डाटा तथा बैंक अकाउंट डिटेल उपलब्ध कराने. विगत 2 माह का अस्पताल द्वारा खरीद-बिक्री की गयी दवाई एवं उपकरणों आदि का बिल-वाउचर उपलब्ध कराने. अस्पताल को ऑक्सीज आपूर्ति के लिए आपूर्तिकर्ता के साथ की गयी एमओयू की प्रति उपलब्ध कराने. विगत 2 वर्षों में अस्पताल द्वारा किये गये शल्य क्रिया (सर्जरी) की संख्या, रोग रोगी एवं चिकित्सक तथा चिकित्सा का विवरणी सहित सूची उपलब्ध कराने. अग्निशमन विभाग द्वारा फायर सेफ्टी हेतु अस्पताल को प्राप्त अनुज्ञप्ति व अनापत्ति प्रमाण पत्र की छाया प्रति उपलब्ध कराने. जैव अपशिष्ट पदार्थों (बीएमडब्लू) का निस्तारण हेतु आउटसोर्स एजेन्सी के साथ किए गए एकरारनामा की प्रति उपलब्ध कराने. पोल्युशन कंट्रोल बोर्ड, आदित्यपुर से प्रदूषण नियंत्रण के संदर्भ में अस्पताल को प्राप्त प्रमाण पत्र उपलब्ध कराने. अस्पताल स्थापित भूमि का वैध कागजात, नगर निगम से पारित बिल्डिंग का नक्शा तथा अद्यतन मालगुजारी रसीद (रेंट रिसिप्ट) उपलब्ध कराने. अस्पताल द्वारा इलाज किए गए एवं इलजरत कोविड 19 रोगियों की विस्तृत विवरणी तथा किन-किन रोगियों में इंजेक्शन रेमडीसिविर का व्यवहार किया गया है, एवं कितनी मात्रा में की गयी है, का विवरणी उपलब्ध कराने. इंजेक्शन रेमडीसिविर अस्पताल को किन- किन स्त्रोतों से उपलबध हुआ है, एवं कितनी मात्रा में उपलब्ध हुआ है, अस्पताल को प्राप्ति की तिथि, बैच नं., उत्पादन की तिथि, समाप्ति की तिथि एवं खपत तथा बचत (बैलेंस) की विरणी उपलब्ध कराने एवं वैद्य ड्रग लाइसेंस की छाया प्रति उपलब्ध कराने को कहा गया है. विधायक सरयू राय ने इसे दुर्भावना से ग्रसित कार्रवाई बताते हुए तीखी भर्त्सना की है साथ ही उन्होंने इसे मानवाधिकार उल्लंघन का मामला भी बताया है.

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