झारखंड की कई अस्पतालों में स्वास्थ्य व्यवस्था लाचार, आधे से अधिक PCH एक डॉक्टर के भरोसे मे हैं।

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झारखण्ड:- झारखण्ड के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में सातों दिन और चौबीस घंटे की व्यवस्था लागू है. इसके तहत प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में चौबीस घंटे स्वास्थ्य सुविधाएं मरीजों को उपलब्ध कराना है, लेकिन यह संभव नहीं है. इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि इन स्वास्थ्य केंद्रों में चिकित्सकों की भारी कमी है. स्थिति यह है कि राज्य के आधे से अधिक पीएचसी महज एक चिकित्सक के भरोसे हैं.  ऐसे में सरकार को चाहिए कि सबसे पहले अच्छे भवन का निर्माण कराए, तभी बेड सहित अन्य प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध हो सकती हैं. साथ ही बेहतर तरीके से इलाज भी हो सकता है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी ‘रूरल हेल्थ स्टैटिक्स’ रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है.

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राज्य में कुल 203 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र संचालित हैंं. इनमें से आधे से अधिक अर्थात 140 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में महज एक-एक चिकित्सक कार्यरत हैं. रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में कोई ऐसा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नहीं है, जहां चार या इससे अधिक चिकित्सक कार्यरत हों. बन्ना गुप्ता ने बताया सरकार द्वारा प्रयास किया जा रहा है कि सभी हॉस्पिटल में डॉक्टर, दवा हमेशा सुनिश्चित रहे. किसी प्रकार की कोई असुविधा न हो. मरीजों को थर्ड वेव को लेकर भी हमलोग तैयार हैं.

वहीं, अगर हम पूरे प्रदेश की बात करें तो तीन चिकित्सकों वाले ऐसे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की संख्या महज 14 है, जबकि 42 ऐसे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हैं जहां दो-दो चिकित्सक कार्यरत हैं. दूसरी तरफ, सात प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ऐसे हैं, जहां एक भी चिकित्सक कार्यरत नहीं हैं. वहीं, सौ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बिना लैब तकनीशियन, 117 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बिना फार्मासिस्ट तथा 55 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बिना महिला चिकित्सक के संचालित हैं.

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