बर्मामाइंस में साहित्य सागर हौसलों की उड़ान के तत्वधान में विराट अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का किया गया आयोजन,दिग्गज कवि और कवयित्रियों ने दी एक से बढ़कर एक प्रस्तुति…लंका रूपी इस दुनिया में श्रीराम कहां से आयेंगे…
जमशेदपुर:- बर्मामाइंस में साहित्य सागर हौसलों की उड़ान के तत्वधान में विराट अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस अवसर पर देश के कई दिग्गज कवि और कवयित्रियों ने एक से बढ़कर कई प्रस्तुति दिया। शहर के वरिष्ठ कवि शैलेंद्र पांडेय शैल ने इस कार्यक्रम में दमदार प्रस्तुति दी। उन्होंने इस कविता को सुनाया..
सबब हमीं थे सवालों के, जिंदगानी पर। लक़ीर खैंचने हम ही गए थे पानी पर। वो झूठ भी तो करीने से बोल लेता है यकीन कौन करे मेरी सच बयानी पर।
शहर की ख्याति प्राप्त युवा कवयित्री अंकिता सिन्हा ने समाज में हो रहे नारियों पर अत्याचार पर जबरदस्त चोट करते हुए शानदार कविता की प्रस्तुति दी। अंकिता ने यहां से अपनी रचना की शुरुआत की…लंका रूपी इस दुनिया में, हनुमान कहां से आयेंगे। हर शक्श में रावण बसता है, श्रीराम कहा से आयेंगे।। हो रहा अत्याचार नारी पर, अबला बनाया जाता है। गूंज रही चीख बहनों को, मां को भी रुलाया जाता है।। भाई का दुश्मन भाई है, भरत कहा से आयेंगे। हर शक्स में रावण बसता है, श्रीराम कहा से आयेंगे।। पहन कर भगवा चिर को हरण स्त्री का करते हैं। मुख से बोलते राम राम, पर मन में रावण रखते हैं।। अधर्म के इस राजनीति में, विभीषण कहां से आयेंगे। हर शक्श में रावण बसता है श्रीराम कहा से आयेंगे।।
जमशेदपुर की चर्चित कवयित्री सोनी सुगंधा ने…मान दूं सम्मान दूं जीवन को इक प्रतिमान दूं।।
चाहती हूं मैं तुम्हें इस प्रेम का प्रतिदान दूं।
महाराष्ट्र आमगांव से आए कवि शायर हेमंत कविश ने…आसां नही लेकिन नवाजिश है खुदा की ये।
दुवाएँ मां की करती है सफर आसान किश्तों में।।
कवि अनिकेत पाठक ने…
राजपूती स्वाभिमानी सर पे सजे,शौर्य के सरताज हैं प्रताप जी। मुगलिया झंडों के विरुद्ध खड़े, केसरिया आवाज हैं प्रताप जी की प्रस्तुति दी।
आरा बिहार से आए कवि प्रेम सागर पांडेय ने इस कविता को सुनाया…कितना उलझ चुका हूँ, खुद को सुलझाने में। मुसीबतों का घर गिराने में,सपनों का ताजमहल बनाने में।।