दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे पुल, जम्मू-कश्मीर के चिनाब नदी पर बन रहा

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जम्मू-कश्मीर: देश के जन्नत कहे जाने वाले राज्य जम्मू-कश्मीर के चिनाब नदी पर बन रहे दुनिया का सबसे ऊंचा यह रेलवे पुल को सोमवार को मेहराब तकनीक यानी हैंगिंग आर्च के जरिए पूरा किया गया. ये दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे पुल है और जिसकी कुल ऊंचाई 467 मीटर है. सीस्मिक जोन 5 के हिसाब से ये पुल तैयार किया गया है, यानी भारी भूकंप पर भी इसका बाल बांका नहीं होगा. दुनिया का सबसे ऊंचा यह रेलवे पुल अगले साल चालू होने की उम्‍मीद है. यह पुल कश्मीर घाटी को शेष भारत से जोड़ेगा. आर्च को इंजीनियर का बेहतरीन नमूना माना जा रहा है. रेल मंत्री पीयूष गोयल ने दिल्ली में वीडियो लिंक के जरिये केबल क्रेन द्वारा आर्च का काम पूरा होने के वाकये को देखा. उत्तर रेलवे ने इस कामयाबी को मील का पत्थर बताया है.फ्रांस के एफिल टावर से भी 35 मीटर ऊंचा है कश्मीर के रियासी जिले के दो गांव बक्कल और कौड़ी के बीच बह रही चिनाब नदी पर ये पुल बन रहा है ये ब्रिज 1.3 किमी लंबा है

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36.5 मीटर लंबा और 50 मीटर चौड़ा है. यह पुल रिक्टर स्केल पर 8 की तीव्रता वाला भूकंप भी झेल सकता है. 266 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार के तूफान को झेलने में भी सक्षम होगा.

यह नदी तल से 359 मीटर ऊंचाई पर होगा. केंद्र सरकार के शीर्ष पेशेवरों की प्रत्यक्ष निगरानी के तहत बीते एक साल के दौरान पुल का निर्माण कार्य तेज कर दिया गया है. योजना के अनुसार 2022 के अंत तक कश्मीर घार्टी को ट्रेन सेवाओं से जोड़ने का लक्ष्‍य है.

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1.3 किलोमीटर लंबे और 1486 करोड़ की लागत से बने पुल से कश्मीर घाटी के बीच कनेक्टिविटी बेहतर होगी. यह ऊधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेलवे लिंक प्रोजेक्ट का हिस्सा है.नार्दन रेलवे जनरल मैनेजर आशुतोष गंगल का कहना है कि यह USBRL project भी दो से ढाई साल में पूरा हो जाएगा.

584 किलोमीटर की वेल्डिंग ढांचे के विभिन्न हिस्सों को जोड़ा गया. जितनी दूरी नई दिल्ली से जम्मू तवी की है. भारतीय रेलवे ने पहली बार अल्ट्रासोनिक मशीन और एनएबीएल द्वारा मान्यता प्राप्त लैब का इस्तेमाल वेल्ड टेस्टिंग में किया है.

रेल मंत्रालय ने कहा कि आर्च का 5.6 मीटर का आखिरी हिस्सा जोड़ा गया. इससे आर्च के दोनों हिस्से पूरी तरह जुड़ गए, जो चिनाब नदी के दोनों किनारों को जोड़ता है.

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