एक तो कोल्हान विश्वविद्यालय के कॉलेजों में शिक्षकों की भारी कमी चल रही है और अब घंटी आधारित शिक्षकों का नवीकरण नहीं होना चिंता का विषय, पढ़ाई बाधित होने की संभावना

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जमशेदपुर: कोल्हान विश्वविद्यालय के कॉलेजों में लगभग 180 की संख्या में कार्यरत घंटी आधारित शिक्षकों का कॉन्ट्रैक्ट 31 मार्च को खत्म हो गया है. अब घंटी अधारित शिक्षक कॉलेज पढ़ाने के लिए आज से नहीं जाएंगे. राज्य सरकार ने इस बार शिक्षकों का नवीकरण नहीं किया . 31 मार्च तक ही नामकरण कराने की तिथि निर्धारित की गई थी. इससे शिक्षकों में रोष व्याप्त है. शिक्षकों ने अब कॉलेज नहीं जाने का निर्णय लिया है.एक तो कोल्हान विश्वविद्यालय के कॉलेजों में शिक्षकों की भारी कमी चल रही है और अब घंटी आधारित शिक्षकों का नवीकरण नहीं होना चिंता का विषय बन गया है. कॉलेजों में पूरी तरह से पढ़ाई बाधित होने की संभावना दिख रही है. अधिकतर कॉलेजों में दो से तीन स्थाई शिक्षक ही कार्यरत है. पांच से छह विषय में शिक्षक ही नहीं है. घंटी आधारित शिक्षक डॉ. मुरारी वैद्य ने कहा कि सरकार शिक्षकों को प्रताड़ित करने का काम कर रही है. यूजीसी के नियम के तहत मानदेय भी उपलब्ध नहीं होता है. साथ ही नवीकरण को लेकर असमंजस की स्थिति बनी रहती है. सरकार को या तो कॉन्ट्रैक्ट पूरी तरह से खत्म कर देना चाहिए नहीं तो सभी को स्थायी शिक्षक कर देना चाहिए.

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कोल्हान विश्वविद्याय के सभी अंगीभूत कॉलेजों में कार्यरत कार्यरत घंटी आधारित शिक्षकों का अवधि विस्तार को लेकर फिलहाल विचारधीन है. यह बातें कोल्हान विश्वविद्यालय के कुलसचिव जयंत शेखर ने कहीं. उन्होंने कहा कि शिक्षक को घबराने की जरूरत नहीं है. उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग के निदेशक गरिमा सिंह ने सभी घंटी आधारित शिक्षकों को पूर्व की तरह कार्य करने की बात कहीं है. इसको लेकर पत्र भी निर्गत हो चुका है. इसलिये कोल्हान विश्वविद्यालय में कार्यरत घंटी आधरित शिक्षक पूर्व की तरह कार्य करते रहें. उन्हें नुकसान नहीं होगा.

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