Endometriosis: महिलाओं की प्रजनन क्षमता पर कैसे डालता है असर? जानिए इस बीमारी से जुड़ी अहम बातें…

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लोक आलोक सेंट्रल डेस्क:मार्च महीने को एंडोमेट्रियोसिस जागरूकता माह (Endometriosis Awareness Month) के रूप में मनाया जाता है, ताकि इस गंभीर स्त्री रोग के प्रति जागरूकता बढ़ाई जा सके। एंडोमेट्रियोसिस तब होता है जब गर्भाशय (Uterus) की परत से मिलता-जुलता ऊतक (Tissue) गर्भाशय के बाहर फैलने लगता है। यह अंडाशय (Ovary), फैलोपियन ट्यूब (Fallopian Tube) या श्रोणि (Pelvis) की परत पर उग सकता है, जिससे महिलाओं को असहनीय दर्द, सूजन और यहां तक कि प्रजनन क्षमता (Fertility) की गंभीर समस्या का सामना करना पड़ सकता है।

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एंडोमेट्रियोसिस के लक्षण–

इस बीमारी के लक्षण हर महिला में अलग-अलग हो सकते हैं। कुछ महिलाओं को कोई लक्षण महसूस नहीं होते, जबकि कई महिलाएं निम्न समस्याओं से जूझती हैं—

  • संभोग के दौरान दर्द (Dyspareunia)
  • अत्यधिक दर्दनाक मासिक धर्म (Dysmenorrhea)
  • पेशाब या मलत्याग में परेशानी
  • लंबे समय तक श्रोणि दर्द (Pelvic Pain)

एंडोमेट्रियोसिस से प्रजनन क्षमता पर असर–

इस बीमारी के कारण 30-50% महिलाओं को गर्भधारण (Pregnancy) में कठिनाई होती है। यह स्थिति प्रजनन तंत्र को कई तरह से नुकसान पहुंचा सकती है, जैसे—

  • गर्भाशय और अंडाशय में दाग (Scar Tissue) बनना
  • आंतरिक सूजन और संक्रमण
  • अंडाणु (Egg) और शुक्राणु (Sperm) के मिलने में बाधा
  • हल्के मामलों में महिलाएं प्राकृतिक रूप से गर्भधारण कर सकती हैं, लेकिन गंभीर मामलों में इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (In Vitro Fertilization – IVF) जैसे उपचार भी कम प्रभावी साबित हो सकते हैं।

क्या एंडोमेट्रियोसिस को रोका जा सकता है?

अभी तक इस बीमारी को पूरी तरह से रोकने का कोई उपाय नहीं है, लेकिन जल्दी पहचान और सही इलाज से इसके प्रभाव को कम किया जा सकता है।

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वर्तमान में, इन्ट्रा यूटेराइन इंसेमिनेशन (Intra Uterine Insemination – IUI) और इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (IVF) जैसी तकनीकों से एंडोमेट्रियोसिस से प्रभावित महिलाओं को मातृत्व सुख पाने में मदद की जा रही है। चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार, सही समय पर उपचार और जागरूकता से महिलाएं इस बीमारी से होने वाली जटिलताओं से बच सकती हैं।

महिलाओं को चाहिए कि वे अपने शरीर के संकेतों को नजरअंदाज न करें और समय पर डॉक्टर से परामर्श लें, ताकि उनकी सेहत और मां बनने की संभावनाएं सुरक्षित रह सकें।

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