हेमंत सोरेन को चुनाव आयोग ने भेजा नोटिस, 10 मई तक जवाब माँगा
रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की मुश्किलें और बढ़ती नजर आ रही हैं. चुनाव आयोग ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को लाभ के पद के केस में नोटिस भेजा है. उनके ऊपर जून 2021 में रांची में खनन लाइसेंस की कथित मंजूरी के मामले में जवाब मांगा गया है. वर्ष 2019 के हलफनामे में इसका खुलासा किया गया. इसके पहले चुनाव आयोग ने मुख्य सचिव से सभी संबंधित दस्तावेज तलब किए थे. वहीं झामुमो ने कहा है कि स्टोन माइनिंग ‘सरकार द्वारा किए गए कार्य’ के तहत नहीं आता. हेमंत सोरेन खनन के व्यवसाय में नहीं थे और खनन पट्टा समझौता जो हेमंत सोरेन ने किया था, वह उनके व्यापार के दौरान नहीं था. खनन लीज आवंटन मामले में बीजेपी की शिकायत पर राज्यपाल ने चुनाव आयोग से जवाब मांगा था. चुनाव आयोग ने पत्र लिख कर राज्य सरकार से तथ्यों पर जानकारी मांगी है
बीजेपी का आरोप है कि सोरेन ने मुख्यमंत्री रहते हुए रांची के अनगड़ा में जून 2021 में 0.88 एकड़ क्षेत्रफल की पत्थर की खदान लीज पर ली. पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुबर दास ने इस मामले में शिकायत की थी. संविधान के अनुच्छेद 192 के तहत चुनाव आयोग की सलाह पर राज्यपाल फैसला ले सकते हैं. जन प्रतिनिधित्व कानून के प्रावधानों के उल्लंघन का आरोप है. विधानसभा की सदस्यता भी छीनी जानी जा सकती है. ऐसा होता है उनका मुख्यमंत्री पद भी खतरे में आ सकता है. झारखंड हाई कोर्ट में भी इस मामले को लेकर याचिका दायर की गई है.