चुनाव आयोग ने जारी किया 5 फेस वोटिंग का पूरा आंकड़ा..कहा एक-एक वोट का हिसाब है हमारे पास…
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लोक आलोक न्यूज सेंट्रल डेस्क :- लोकसभा चुनाव 2024 के लिए अबतक कुल पांच चरणों के चुनाव संपन्न हो चुके हैं और चुनाव आयोग ने पांचों चरणों के मतदान का आंकड़ा जारी किया है। आयोग ने कहा कि कोई भी वोटों की संख्या मेंगड़बड़ी नहीं कर सकता। एक-एक वोट का हिसाब है। आयोग ने कहा कि फॉर्म 17सी के माध्यम से सभी उम्मीदवारों के मतदान एजेंटों के साथ शेयर किए गए वोटों के आंकड़े को कोई भी नहीं बदल सकता है। आयोग ने कहा कि मतदान का डेटा हमेशा उम्मीदवारों के पास और नागरिकों के लिए वोटर टर्नआउट ऐप पर 24×7 उपलब्ध था। आयोग ने चुनावी प्रक्रिया को खराब करने और झूठी कहानियां गढ़ने के पैटर्न पर गौर किया है।
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सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने मजबूती दी
आयोग की ओर से जारी प्रेस नोट में कहा गया कि नाव आयोग द्वारा मतदान के आंकड़ों को जारी करने की प्रक्रिया पर माननीय सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणियों और फैसले से आयोग निश्चित तौर पर खुद को मजबूत महसूस कर रहा है। इससे आयोग पर बिना किसी विवाद के चुनावी लोकतंत्र की सेवा करने की एक बड़ी जिम्मेदारी आती है। इसलिए चुनाव आयोग ने प्रत्येक संसदीय निर्वाचन क्षेत्र में मतदाताओं की पूर्ण संख्या को शामिल करने के लिए मतदान डेटा जारी करने के प्रारूप का और विस्तार देने का फैसला लिया है। इसे सार्वजनिक रूप से उपलब्ध कराया गया है।
पूरी प्रक्रिया सटीक, किसी तरह की विसंगति नहीं
आयोग ने कहा कि डाले गए वोटों के संग्रहण और भंडारण की प्रक्रिया कठिन और पारदर्शी है। राज्यों में आयोग और उसके अधिकारी वैधानिक विचारों को ध्यान में रखते हुए, बेहतर तरीके से मतदान डेटा का प्रसार कर रहे हैं। 19 अप्रैल 2024 को मतदान शुरू होने की तारीख से मतदान के आंकड़ों को जारी करने की पूरी प्रक्रिया सटीक, सुसंगत और चुनाव कानूनों के अनुसार रही है। इसमें किसी भी तरह की विसंगति नहीं रही है।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एक गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ) की उस याचिका पर निर्वाचन आयोग को निर्देश देने से मना कर दिया, जिसमें आयोग को मतदान केंद्र-वार मतदान प्रतिशत के आंकड़े अपनी वेबसाइट पर अपलोड करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने 17 मई को एनजीओ की याचिका पर निर्वाचन आयोग से एक हफ्ते के अंदर जवाब मांगा था, जिसमें लोकसभा चुनाव के प्रत्येक चरण का मतदान संपन्न होने के 48 घंटे के अंदर मतदान केंद्र-वार मत प्रतिशत के आंकड़े आयोग की वेबसाइट पर अपलोड करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया था। वहीं निर्वाचन आयोग ने हलफनामा दाखिल कर एनजीओ के अनुरोध का विरोध किया और कहा कि इससे चुनावी माहौल खराब होगा और आम चुनावों के बीच चुनावी तंत्र में अराजकता पैदा होगी।
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