दुमका: “महल छोड़कर जनता के बीच जाएं…” चाचा-भतीजी में वार-पलटवार, सताती गर्मी के बीच चढ़ा सियासी पारा…
लोक आलोक न्यूज सेंट्रल डेस्क:-लोकसभा चुनाव की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही है वैसे-वैसे सियासी पारा चढ़ता जा रहा है। झारखंड में दुमका लोकसभा सीट पर इस बार भाजपा और झामुमो के बीच कड़ा मुकाबला होगा। दोनों पार्टियों की तरफ से चाचा-भतीजी मैदान पर हैं। एक तरफ से झामुमो ने नलिन को मैदान में उतारा है वहीं भाजपा की तरफ से सीता सोरेन प्रत्याशी हैं।
दुमका में अभी तापमान तकरीबन 38 से 40 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच चुका है, वहीं चुनावी मैदान में भाजपा (BJP) और झामुमो (JMM) के बीच हो रहे तीखे संवाद से राजनीतिक पारा भी तेजी से ऊपर चढ़ रहा है। भाजपा प्रत्याशी सीता सोरेन (Sita Soren) और झामुमो प्रत्याशी नलिन सोरेन (Nalin Soren) में मंचों, सभाओं और सम्मेलनों से लेकर इंटरनेट के मैदान में भी जुबानी जंग तेज है।
जनता कर सकती है सीता का विरोध: नलिन सोरेन
झामुमो प्रत्याशी नलिन सोरेन का एक बयान आया था, जिसमें उन्होंने कहा कि झामुमो और हेमंत सोरेन के विरोध में कोई भी विपक्षी प्रत्याशी अनर्गल बोलेगा तो उसे इधर से भी करारा जवाब मिलेगा।
उन्होंने गीता कोड़ा (Geeta Koda) के साथ हुए विरोध पर कहा था कि ऐसे जनाक्रोश का सामना दूसरे प्रत्याशियों को भी करना पड़ सकता है। अगर भाजपा प्रत्याशी सीता सोरेन भी अनर्गल प्रलाप करेंगी तो जनता उनका विरोध कर सकती है।
नलिन के बयान के बाद भाजपा झामुमो पर हमलावर
नलिन के इस बयान के बाद भाजपा लगातार झामुमो पर हमलावर है। प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने भी मोर्चा संभाल लिया है। बाबूलाल (Babulal Marandi) ने अपने पोस्ट में लिखा है कि झामुमो द्वारा भाजपा की महिला प्रत्याशियों पर हमले की धमकी देना उनके कायरता और चुनाव के पूर्व ही पराजय को दर्शाता है।
भारत निर्वाचन आयोग और झारखंड पुलिस (Jharkhand Police) से आग्रह है कि गीता कोड़ा जैसा जानलेवा प्रकरण सीता सोरेन के साथ भी ना हो, इसके लिए उचित कार्रवाई सुनिश्चित करें। डीजीपी इसका संज्ञान लें। गुरुवार को दुमका के झामुमो प्रत्याशी नलिन सोरेन के बयान पर सीता सोरेन ने इंटरनेट मीडिया पर पलटवार किया।
नलिन पर सीता का पलटवार
उन्होंने एक्स पर अपने पोस्ट में कहा कि आपके बाजुओं और लाठियों में अभी इतनी ताकत नहीं कि वह मुझे जनता से मिलने, सच बोलने और संवाद करने से रोक सके।
नलिन सोरेन जी, जरा अपने महल से निकलकर जनमानस के बीच जाएं तो शायद आपको अहसास हो जाए कि जेएमएम और उसके भ्रष्टाचारी आकाओं के प्रति प्रदेश तथा दुमका की जनता में कितना आक्रोश है।
रही बात आपकी गीदड़भभकी की तो गीता कोड़ा जी पर जेएमएम कार्यकर्ताओं द्वारा किया गया कायराना हमला, हार की संभावना से उपजी हताशा का परिणाम है। आप इस कुकृत्य पर छाती चौड़ी करना छोड़ दें, वरना प्रदेश की जनता जेएमएम और आप जैसे नेताओं का वह हश्र करेगी, कि नींद में भी एक ही जैसे सपने हर रोज आकर सताएंगे। हाल तक नलिन सोरेन को चाचा कह कर संबोधित करने वाली सीता सोरेन की यह तल्ख टिप्पणी चर्चा में है।