भक्तों ने बड़ी श्रद्धा से मनाई कृष्ण जन्माष्टमी
आदित्यपुर /सरायकेला (अभय कुमार मिश्रा ):-कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार आज पूरे देश में बहुत धूमधाम से मनाया जा रहा है. हर साल भाद्रपद मास की अष्टमी तिथि को कृष्ण अष्टमी तिथि को कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाती है. जन्माष्टमी के दिन कान्हा का पूरा श्रृंगार किया जाता है. कान्हा के श्रृंगार में फूलों का खूब प्रयोग करना चाहिए. आज के दिन गाय-बछड़े की प्रतिमा की भी पूजा की जाती है.जन्माष्टमी यानी भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव, गोकुल-मथुरा समेत देशभर में ये त्योहार बेहद धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन भजन और मंदिरों में जगराता होता है। फिर रात 12 बजे भक्त भगवान की आराधना के बाद व्रत खोलते हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार मथुरा में भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी को आधी रात में कृष्ण कन्हैया का जन्म हुआ था।इस दिन लोग व्रत रखते हैं, दिन भर पूजन करते हैं, भोग बनाते हैं। घरों में उत्सव सा माहौल रहता है, भक्त श्रीकृष्ण की पालकी सजाते हैं और झांकियां भी निकाली जाती हैं। साल 2021 में जन्माष्टमी आज यानी सोमवार, 30 अगस्त को मनाई जा रही है। बता दें कि अष्टमी तिथि की शुरुआत रविवार रात 11 बजकर 25 मिनट से हुई थी जो आज देर रात 01 बजकर 59 मिनट तक रहेगी।
क्या करे पूजा मे तैयारी ……
सूखे मेवे- व्रत के दिन इम्यूनिटी और एनर्जी को बेहतर बनाने के लिए आप ड्राई फ्रूट्स का सेवन कर सकते हैं. इसके लिए व्रत की शुरुआत अगर आप अखरोट या बादाम खाकर करेंगे तो इससे आपको दिन भर एनर्जी भी मिलती रहेगी.
फल- व्रत के दिन एनर्जी को बरकरार रखने के लिए फलों का सेवन करें. आप ऐसे फलों का सेवन कर सकते हैं जिनमें वॉटर लेवल हाई हो. इससे आपका पेट भरा रहेगा.
साबूदाना या कुट्टू का आटा- व्रत के दिन आप एनर्जी और इम्यूनटी को बेहतर बनाने के लिए साबूदाना या कुट्टू के आटे का सेवन कर सकते हैं.
तली चीजों को कहे ना
व्रत के दौरान या पारण के बाद अक्सर लोग तली चीजों का सेवन करते हैं. जो कि सही नहीं हैं. इनके सेवन से आपको बचना चाहिए क्योंकि इस तरह के भोजन से आपको एसिडिटी और गैस की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है.
यही भक्ति देखने को मिला आदित्यपुर कॉलोनी मे श्री श्री राधा कृष्ण मंदिर निर्माण समिति,श्री कृष्ण नगर मे भक्तों ने बहुत श्रद्धा भाव से कृष्ण जन्माष्टमी मनाया । महिलाओ ने भी शांतिपूर्ण ढंग से जागरण और नृत्य का भी आयोजन किए । रात 12 बजते ही भक्तों कि जयकार और गीतों से मंदिर मे रौनक बढ़ते गया । सभी भक्त पूजा और प्रशाद ग्रहण कर खुशी खुशी अपने घर को निकले ।