डाक विभाग 23 जुलाई को ‘प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना’ हेतु चलाएगा विशेष अभियान, डाकघरों में भी ‘प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना’ के तहत किसानों को सुविधा – पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव


दिल्ली :- प्रधानमंत्री की किसानों के लाभ के लिए महत्वाकांक्षी ‘प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना’ से लोगों को जोड़ने के लिए डाक विभाग आगे आया है। अब डाकघरों के माध्यम से भी इस योजना का लाभ उठाया जा सकता है। ग्रामीण क्षेत्रों में डाक विभाग की पहुँच को देखते हुए इससे किसानों को काफी सहूलियत होगी। उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में इसके लिए 23 जुलाई को विशेष अभियान चलाया जायेगा। उक्त जानकारी देते हुए वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि इसी क्रम में वाराणसी परिक्षेत्र के 6 जनपदों – वाराणसी, भदोही, चन्दौली, गाजीपुर, जौनपुर और बलिया के अधीन 1699 डाकघरों में यह विशेष अभियान चलाया जाएगा, ताकि इसका फायदा अधिकाधिक किसानों तक पहुँच सके और ज्यादा से ज्यादा किसानों को इस योजना में कवर किया जा सके। इस माह वाराणसी परिक्षेत्र में अभी तक 800 से अधिक किसान ‘प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना’ के तहत डाकघरों के माध्यम से पंजीकरण करा चुके हैं।


पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि डाकघरों के माध्यम से ‘प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना’ के ऑनलाइन आवेदन हेतु किसान की खतौनी, आईडी कार्ड (आधार कार्ड, पैन कार्ड , वोटर आईडी कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस) व बैंक पासबुक साथ लाना होगा। खरीफ व रबी फसलों के लिए क्रमशः 2% व 1.5% का प्रीमियम अदा करना होगा। फ़िलहाल, खरीफ फसलों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत कवर करने हेतु पंजीकरण की अंतिम तिथि 31 जुलाई 2022 नियत है।
पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का उद्देश्य प्राकृतिक आपदाओं के कारण किसानों और उनके परिवारों को फसल के नुकसान का मुआवजा और साथ ही सुरक्षा प्रदान करना है। इसके तहत बुवाई से पहले से लेकर कटाई के बाद तक फसल को सुरक्षा प्रदान की जाती है। यह योजना किसानों के परिवारों और उनके आर्थिक स्थिति को मजबूत करने में भी मददगार है।
