झारखंड में डेंगू और चिकनगुनिया की स्थिति गंभीर, 21 जिलों में प्लेटलेट्स की कमी…

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झारखंड/रांची: झारखंड में डेंगू और चिकनगुनिया के मामलों में तेजी से वृद्धि हो रही है, जिससे स्थिति गंभीर हो गई है। राज्य के 24 जिलों में से 21 जिलों में ब्लड बैंकों में प्लेटलेट्स की गंभीर कमी देखी जा रही है। केवल रांची, धनबाद और हजारीबाग के ब्लड बैंकों में प्लेटलेट्स उपलब्ध हैं।

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पिछले 45 दिनों में, यानी अगस्त से 15 सितंबर तक, झारखंड में 264 से अधिक नए डेंगू और चिकनगुनिया के केस सामने आए हैं। इस साल अब तक, डेंगू के 465 मामले रिपोर्ट किए जा चुके हैं। राजधानी रांची में ही 120 से अधिक डेंगू के मरीज और दर्जनों चिकनगुनिया के मरीज सामने आ चुके हैं।

डॉक्टरों के अनुसार, 65 प्रतिशत मरीजों को डेंगू और मलेरिया की जांच की सलाह दी जा रही है, लेकिन जांच रिपोर्ट में संक्रमण की पुष्टि नहीं हो रही है। हालांकि, ब्लड टेस्ट में प्लेटलेट्स का स्तर 75 प्रतिशत तक गिरा हुआ पाया जा रहा है। चिकित्सक यह समझ नहीं पा रहे हैं कि जब डेंगू की पुष्टि नहीं हो रही है, तो प्लेटलेट्स काउंट क्यों घट रहा है। इसके बावजूद, प्लेटलेट्स काउंट गिरने पर चिकित्सक एहतियात के तौर पर प्लेटलेट्स चढ़ाने की सलाह दे रहे हैं।

रिम्स के फिजिशियन डॉ. संजय सिंह ने कहा कि इस बार वायरल फीवर के लक्षण डेंगू जैसे हो रहे हैं, लेकिन रिपोर्ट निगेटिव आ रही है। निगेटिव रिपोर्ट के बावजूद, रोगियों में ल्यूकोसाइट (व्हाइट ब्लड सेल्स) काउंट 2 हजार से भी कम हो जा रहा है, जो कि सामान्य रेंज (4 से 11 हजार प्रति माइक्रोलीटर) से काफी कम है और खतरनाक स्थिति को इंगित करता है।

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स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार, डेंगू, चिकनगुनिया और जापानी बुखार के मामलों में भी वृद्धि हो रही है। अगस्त तक, चिकनगुनिया के कुल 168 मामले सामने आए, जिनमें 47 प्रतिशत यानी 79 मामले रांची के हैं। वहीं, जापानी बुखार के 28 मामलों में से 7 मामले रांची के हैं।

झारखंड में डेंगू और चिकनगुनिया की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। प्लेटलेट्स की कमी और जांच में समस्याएँ इस संकट को और बढ़ा रही हैं। स्वास्थ्य विभाग और चिकित्सकों द्वारा इस स्थिति से निपटने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाने की आवश्यकता है।

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