विश्व भोजपुरी विकास परिषद का प्रतिनिधि मंडल भारतीय जनता पार्टी के पूर्व प्रदेश कार्य समिति सदस्य रहे डी डी त्रिपाठी एवं अप्पू तिवारी आजसू प्रवक्ता से की मुलाकात , सांसद विद्युत वरण महतो द्वारा राष्ट्रपति को भोजपुरी ,अंगिका,मैथिली एवं मगही भाष के खिलाफ सौंपे गए ज्ञापन पर प्रकट किया क्षोभ
जमशेदपुर:- आज विश्व भोजपुरी विकास परिषद का एक प्रतिनिधि मंडल भारतीय जनता पार्टी के पूर्व प्रदेश कार्य समिति सदस्य रहे डी डी त्रिपाठी एवं अप्पू तिवारी जी आजसू प्रवक्ता से उनके आवास पर मिलकर सांसद विद्युत वरण महतो द्वारा राष्ट्रपति को भोजपुरी ,अंगिका,मैथिली एवं मगही भाष के खिलाफ सौंपे गए ज्ञापन पर क्षोभ प्रकट किया । ज्ञात हो कि जमशेदपुर के सांसद विद्युत वरण महतो के नेतृत्व में सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रपति से मिलकर राज्य में भाषा के नाम पर घृणा की राजनीति को हथियार बनाने का पहल किया हैं और इसे स्थानीय भाषा में शामिल करने से रोक की माँग की है जो अकल्पनीय हैं ….प्रतिनिधि मंडल से त्रिपाठी ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि सौम्यता ,सहजता,सहृदयता के प्रतीक सांसद विद्युत महतो के दिल में भाषाई घृणा पैदा हो जाना ये अकल्पनीय और अविश्वसनीय हैं ….जो झाड़खंड की राजनीति के लिए आने वाले दिनों के लिये भयावह स्थिति का संकेत हैं। त्रिपाठी ने आश्चर्य व्यक्त किया कि ऐसी क्या परिस्थिति बन गई कि सबका साथ सबका विकास एवं सबका विश्वास की बातें करते करते ये झाड़खण्ड सरकार के कुंठा से प्रेरित होकर उसके ही राग में राग अलापने लगे।विश्व भोजपुरी विकास परिषद के प्रतिनिधिमंडल में शामिल निवास तिवारी (राष्ट्रीय अध्यक्ष ) , मिथिलेश प्रसाद श्रीवास्तव (राष्ट्रीय महासचिव) एवं मुन्ना चौबे (राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ) ने अपनी पीड़ा रखते हुए कहा कि झाड़खंड के अस्तीत्व से खिलवाड़ करने का कार्य सांसद विद्युत महतो जी ने किया हैं। झाड़खंड का निर्माण घृणा नहीं अपितु समग्र विकास के सोच के साथ किया गया था ….लेकिन बार बार इसे कभी डोमिसाइल तो कभी भाषा के नाम पर जलाने का प्रयास क्षणिक राजनीतिक लाभ के लिए किया जाता रहा हैं और ये पहल भी उसी कड़ी में देखा जा सकता हैं।…..प्रतिनिधि मंडल ने कहा कि सांसद का ये पहल चिंता देने वाला हैं।
त्रिपाठी ने प्रतिनिधिमंडल से कहा कि हम खूद भी सांसद के इस पहल से आचंभित हैं और उनके जमशेदपुर आगमन पर हम मिलकर इस विषय में चर्चा करेंगें और उनके पक्ष को भी जानना जरूरी हैं।
विश्व भोजपुरी विकाश परिषद इस संबंध में कल दिनांक 10 फरवरी को संध्या 4 बजे एक आपात बैठक भविष्य की रणनीतिक निर्णय लेने के लिए बुलाई हैं । जिसमें राजनीतिक लाभ के लिए किए गए इस गंदे खेल के खिलाफ संगठन सामूहिक निर्णय के आधार पर आगे की रणनीति तय करेगा।
त्रिपाठी ने प्रतिनिधि मंडल को आस्वस्थ किया कि मिट्टी एवं भविष्य की लड़ाई के लिए वो सतत साथ है और किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं।