कोरोना ने बदला प्ले स्कूल में पढाने का तरीका , लिटिल हार्ट प्ले स्कूल में कैसे कराया जा रहा क्लास ….आप भी देखें
जमशेदपुर :- कोरोना और लॉकडाउन ने शिक्षा व्यवस्था को बुरी तरह से प्रभावित किया है। इसका सबसे ज्यादा असर प्ले स्कूलों पर पड़ा है। लॉकडाउन के दौरान सभी प्ले स्कूल संचालकों की आमदनी बंद हो गई है। जबकि खर्चे पहले की तरह बरकरार हैं। ऐसे में कुछ प्ले स्कूल के संचालक का कहना हैं कि कोरोना काल के दौरान उन्हें प्रतिमाह करीब 90 हजार का नुकसान उठाना पड़ रहा है। लॉकडाउन के दौरान अभिभावकों से फीस नहीं मांगी गई, जबकि शिक्षक-शिक्षिकाओं व कर्मचारियों को वेतन देना पड़ रहा है। वाहन का खर्च, बिजली बिल, फ्रेंचाइजी की फीस आदि का भुगतान नियमित हो रहा है। इसी तरह स्कूल भवन का किराया, लोन, भी देंना है। उधर, लॉकडाउन के दौरान कई प्ले स्कूल संचालक ऑनलाइन स्कूल चला रहे हैं। वीडियो, वी चैट, व्हाट्सएप, फेसबुक आदि के माध्यम से छोटे बच्चों को पढ़ाया जा रहा, लेकिन अभिभावक फीस नहीं जमा कर रहे हैं। जिसके वजह से लॉकडाउन ने कई प्ले स्कूलों की कमर तोड़ दी है।
जमशेदपुर शहर में छोटे-बड़े मिला करीब चार सौ प्ले स्कूल हैं। इनमें औसतन 40 हजार बच्चे पढ़ाई करते हैं। लॉकडाउन के दौरान सभी स्कूल बंद हैं। 90 फीसदी प्ले स्कूल किराये के मकान में चल रहे हैं। अधिकांश अभिभावक फीस नहीं जमा कर रहे हैं। उनका कहना है कि पांच साल से कम उम्र के बच्चों का स्कूल जाना अभी संभव नहीं दिख रहा है। कब तक स्कूल खोलेंगे, इस बारे में कुछ तैयारी नहीं है। ऐसे में आगे स्कूल चलाने को लेकर भी संकट मंडरा रहा है। लेकिन इस बारे में जब लिटिल हार्ट प्ले स्कूल बिष्टुपुर की प्रिंसिपल रूबी बोधनवाला से बात किया गया तो उन्होंने कहा कि उनके स्कूल में कोरोना काल में भी बच्चो को फ्रेंडली तरीके से ऑनलाइन पढाया जा रहा है और बड़ी बात यह है कि ऑनलाइन में भी बच्चे इंटरेस्ट ले कर पढाई करते है . साथ ही उन्होंने कहा कि पेरेंट्स इस बात की चिंता बिलकुल ना करें कि कोरोना है तो बच्चे की पढ़ाई कैसे होगी. और ऐसा सोच कर ही कुछ लोग एडमिशन भी नहीं करवा रहे है लेकिन ऐसा करने से बच्चो कि पढाई पर असर पड़ेगा जो उनके भविष्य के लिए ठीक नहीं है . और साथ ही लिटिल हार्ट स्कूल में पढाने के तरीके पर फोकस करते हुए उन्होंने बताया कि कैसे बच्चो को ऑनलाइन क्लासेज में भी इंटरेस्ट रहता है . प्रिंसिपल ने कहा कि अगर कोई पेरेंट्स एडमिशन करवाना चाहते है तो स्कूल में जाकर अवश्य बात करें और बच्चो की एडमिशन करवाए . आपको बता दें कि अगर आप वाकई बच्चो के भविष्य की चिंता करते है तो आप उनके पढाई को ना रोके वरना उनके भविष्य के लिए ये ठीक नही होगा .