औचित्यहीन और भ्रामक है मुख्यमंत्री का जोहार यात्रा, जनता के पैसे की हो रही है बर्बादी : एकता विकास मंच

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जमशेदपुर : 1932 का खतियान संबंधी बिल को झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस द्वारा असंवैधानिक करार देते हुए लौटाए जाने के बाद सामाजिक संगठन एकता विकास मंच ने मुख्यमंत्री के खतियानी जोहार यात्रा को औचित्यहीन और भ्रामक बताया है. मंच के केंद्रीय अध्यक्ष अरविंद कुमार मिश्रा ने कहा है कि मुख्यमंत्री का जोहार यात्रा से करोड़ों अरबों रुपए की बर्बादी हो रही है जो जनता की गाढ़ी कमाई का हिस्सा है. उन्होंने बताया कि को एकता विकास मंच द्वारा 1932 के खतियान आधारित स्थानीय नीति नहीं बनाने की मांग को लेकर हजारों की संख्या में सड़कों पर उतर कर मंच पहले ही एक पत्र माननीय राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और राज्यपाल को प्रेषित कर चुका है. उन्होंने बताया कि मंच द्वारा यह मांग की गई थी कि 15 नवंबर 2000 से स्थानीयता नीति बनाया जाये. अब माननीय राज्यपाल द्वारा 1932 खतियान आधारित स्थानीयता नीति बिल को लौटाये जाने पर मंच के केंद्रीय अध्यक्ष ने कहा कि झारखंड में निवास करने वाले सभी लोगों की भावनाओं का कद्र करते हुए एक स्वच्छ शासन प्रशासन और न्याय पूर्ण नीति बनाने की दिशा में सार्थक सफल प्रयास करने की जरूरत है ताकि झारखंड में वर्षों से ठप पड़ी बहालियों का रास्ता साफ़ हो और राज्य का चहुंमुखी विकास हो सके. उन्होंने कहा कि जिन स्थानीयता नीति 1932 को लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन खतियानी जोहार यात्रा कर रहे हैं वह असंवैधानिक करार दिया जा चुका है, अब वे राज्य में इस यात्रा के माध्यम से वैमनस्यता फैलाने का काम कर रहे हैं जिसका मंच पुरजोर विरोध करता है. उन केवल जनता के पैसा का दुरुपयोग ही है.

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