Black Monday 2025: ट्रंप के टैरिफ का ग्लोबल झटका, सेंसेक्स-निफ्टी में रिकॉर्ड गिरावट, डूबे 18.68 लाख करोड़…



लोक आलोक सेंट्रल डेस्क: “जब अमेरिका छींकता है, तो दुनिया कांपती है”—7 अप्रैल 2025 को कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला, जब अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीति ने वैश्विक शेयर बाजारों में भूचाल ला दिया। भारतीय बाजार भी इससे अछूते नहीं रहे। सोमवार को ‘ब्लैक मंडे’ बन गया, जिसमें निवेशकों की दौलत देखते ही देखते ₹18.68 लाख करोड़ तक लुड़क गई।


भारतीय बाजार में हाहाकार:
सुबह 10:30 बजे तक ही निफ्टी 889 अंक और सेंसेक्स 2,680 अंक टूट चुका था। दिन के अंत तक सेंसेक्स 5.22% गिरकर 71,425 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 5% गिरकर 21,743 के स्तर पर पहुंच गया।
700 शेयरों ने छुआ 52 हफ्ते का निचला स्तर:
बीएसई पर ट्रेड हो रहे 3,470 शेयरों में से 3,090 में गिरावट दर्ज की गई। 326 शेयरों में लोअर सर्किट लगा। सिर्फ 272 शेयर ही हरे निशान में बंद हुए।
सेक्टरवार गिरावट:
निफ्टी मेटल: 8.33% गिरावट
निफ्टी IT: 5.49% की गिरावट
कोफोर्ज: 8.7% की सबसे बड़ी गिरावट
मिडकैप और स्मॉलकैप में भी बिकवाली:
निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 4.43% और स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 5.48% लुढ़क गया।
निवेशकों को भारी नुकसान:
शुक्रवार को BSE लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप ₹403.34 लाख करोड़ था, जो अब ₹384.66 लाख करोड़ रह गया है।
वैश्विक संकट की जड़: ट्रंप के टैरिफ
ट्रंप द्वारा लगाए गए ऐतिहासिक आयात शुल्कों के असर से अमेरिकी बाजार दो दिनों में $5.4 ट्रिलियन तक गिर गए। एशियाई बाजार भी धराशायी हो गए—ताइवान 20%, हांगकांग 10%, जापान 5.79%, चीन 6.5% तक गिरा। ये गिरावट केवल एक टैरिफ नीति की चेन रिएक्शन थी, जिसने ग्लोबल इकोनॉमी की रीढ़ तोड़ दी।
विशेषज्ञों की चेतावनी और समाधान का सुझाव:
बैंकिंग विशेषज्ञ अजय बग्गा के अनुसार, ये गिरावट भारत की घरेलू नीतियों से नहीं, बल्कि वैश्विक पूंजी प्रवाह से जुड़ी है। उन्होंने भारत सरकार को सलाह दी कि आर्थिक सुधारों के लिए तुरंत एक मजबूत मौद्रिक, वित्तीय और संरचनात्मक पैकेज लाया जाए, जिससे देश को इस वैश्विक मंदी की लहर से उबारा जा सके।
