Birthday Special: ओलंपिक फाइनल में पहुंचने वाली देश की पहली महिला एथलीट पीटी ऊषा किसी तार्रुफ़ की मोहताज नहीं…
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लोक आलोक न्यूज सेंट्रल डेस्क:ओलंपिक फाइनल में पहुंचने वाली देश की पहली महिला एथलीट पीटी ऊषा किसी तार्रुफ़ की मोहताज नहीं हैं. आज देश में कई महिला एथलीट देश का नाम रोशन कर रही हैं. स्पोर्ट्स में महिलाओं की हिस्सेदारी बढ़ाने का श्रेय सबसे ज्यादा पीटी ऊषा को जाता है. उन्होंने नेशनल और इंटरनेशनल खेल प्रतियोगिता में सबसे पहले भारत का प्रतिनिधित्व किया।पीटी ऊषा आज भले ही पूरे देश की एक पहचान हों, लेकिन एक छोटे से गांव से निकलकर भारत की ‘उड़न परी’ बनने का सफर आसान नहीं था.
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पीटी उषा 27 जून 1964 को केरल के कोझीकोड जिले के पयोली गांव में हुआ था. उनका पूरा नाम पिलावुल्लाकांडी थेक्केपरम्बिल उषा है. उनका बचपन गरीबी में बीता. छोटी सी उम्र में ही स्कूल के दौरान ही दौड़ना शुरू कर दिया. जब वो चौथी कक्षा में थी तो जिले के चैम्पियन मुकाबले में हिस्सा लिया. उन्होंने प्रतियोगिता में अपने स्कूल में ही पढ़ने वाली जिले की चैम्पियन को हरा दिया. इसके बाद जिला स्तर पर कई प्रतियोगिता में शामिल हुईं.
साल 1976 में राष्ट्रीय स्कूल खेल प्रतियोगिता के दौरान कोच ओ.एम. नाम्बियार की नज़र पीटी उषा पर पड़ी. जब वो पहली बार राष्ट्रीय खेल चैम्पियनशिप प्रतियोगिता जीतकर चर्चा में आई थीं. उस समय उनकी उम्र 12 वर्ष थी. पीटी उषा ने साल 1980 में इंटरनेशनल स्तर पर शुरुआत की. पाकिस्तान में ओपन राष्ट्रीय मीट में चार स्वर्ण पदक जीतकर सुर्ख़ियों में छा गई थीं.
उसके बाद पीटी उषा का नाम हर किसी के जुबान पर था. देश और उनके फैंस को उनसे बहुत उम्मीदें थीं. उन्होंने तीन ओलपिंक खेलों 1980 में मोस्को, 1984 में लॉस एंजिल्स और 1988 में सियोल में शामिल हुईं. लेकिन कोई पदक जीतने में नकामयाब रहीं. निराशा हाथ लगी. लेकिन उन्होंने देश का नाम रोशन कर दिया था. वो लॉस एंजिल्स ओलपिंक के फाइनल में पहुंचने वाली भारत की पहली महिला एथलीट बनी थीं. इससे पहले देश की किसी महिला एथलीट ने यह कारनामा नहीं किया था. इसके बाद उन्होंने एशियाई खेलों में शानदार प्रदर्शन किया.
साल 1982 में दिल्ली में हुए एशियाई खेलों में 100 मीटर और 200 मीटर की दौड़ में पीटी उषा ने रजत पदक अपने नाम किया था. इसके बाद एशियाई ट्रैक और फील्ड चैम्पियनशिप में 400 मीटर की दौड़ में गोल्ड मेडल जीता. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पीटी उषा ने साल 1983 से 1989 तक एटीएफ में 13 स्वर्ण पदक जीते थे. जिसकी वजह से उन्हें ‘क्वीन ऑफ ट्रैक एंड फील्ड’ कहा गया.
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