सरायकेला : सरायकेला स्थित काशी साहू महाविद्यालय में महात्मा गांधी जी की जयंती के उपलक्ष्य में IQAC इकाई के द्वारा एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसका विषय था-वर्त्तमान सन्दर्भ में महात्मा गांधी और उनके विचार. इस संगोष्ठी में मुख्य अतिथि व वक्ता के तौर पर वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्त्ता व गांधीवादी विचारक तथा विश्लेषक अरविन्द अंजुम एवं विशिष्ट अतिथि व वक्ता के तौर पर ह्यूमन राइट्स विषय पर शोध कर चुकी मानवाधिकार कार्यकर्त्ता डॉ. आरफ़ा मोहम्मद की मौजूदगी रही.
इस अवसर पर महाविद्यालय के विद्याथियों के अलावे विशेष रूप से प्राचार्य डॉ. बी. एन. प्रसाद, राजनीति विज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ. बी.के. सिंह, दर्शन शास्त्र की प्राध्यापिका विनीता उरांव, मनोविज्ञान की प्राध्यापिका व IQAC इकाई की को-ऑर्डिनेटर लालटी तिर्की, इतिहास के प्राध्यापक प्रकाश कुमार आदि मौजूद रहे.
गांधी के विचार और सिद्धांत कभी नहीं मर सकते
संगोष्ठी में गांधी जी के जीवन-दर्शन पर प्रकाश डालते हुए अरविन्द अंजुम ने कहा, कि गांधी सिर्फ़ एक व्यक्ति नहीं, वरन एक सम्यक विचार है, जो सर्वकालिक है. उन्होंने सत्य और अहिंसा को अपने कर्म-पथ के दो प्रमुख शस्त्र के रूप में अपनाया और वो कारगर भी साबित हुए. उन्होंने सत्य को ही ईश्वर माना. अरविन्द अंजुम ने गांधी जी के जीवन से जुड़े कई पहलूओं पर गहन चर्चा करते हुए आज के सन्दर्भ में उनकी प्रासंगिकता और सार्थकता को रेखांकित करते हुये कहा बाहर की स्वच्छता के साथ हमें आंतरिक स्वच्छता की भी जरूरत है, आगे यह भी कहा, कि गांधी के अनुसार उनका कोई शत्रु नहीं था, परन्तु कई ऐसे लोग थे, जिन्होंने उन्हें शत्रु माना और अंततः उन्हें मार डाला. गांधी का शरीर तो नहीं रहा, लेकिन उनके विचार और सिद्धांत कभी नहीं मर सकते. आज समाज के सभी वर्ग के लोगों, ख़ासकर युवा वर्ग को गांधी के बारे में गहन अध्ययन करने की आवश्यकता है.
अरविन्द अंजुम के व्याख्यान के उपरांत अंत में सवाल-जवाब का एक सत्र चला, जिसमें विद्याथियों एवं कुछ प्राध्यापकों ने कई भ्रांतियों पर सवाल किए और अरविन्द अंजुम ने उनके उत्तर भी दिए.
बिना किसी पूर्वाग्रह के गांधी के विशद अध्ययन की आज ज़रूरत-आरफ़ा मोहम्मद
इससे पहले ह्युमन राइट्स पर शोध कर चुकी मानवाधिकार कार्यकर्त्ता डॉ. आरफ़ा मोहम्मद ने भी अपना वक्तव्य प्रस्तुत करते हुए कहा, कि वर्त्तमान सन्दर्भ में गांधी जी के विचारों की महत्ता और बढ़ जाती है, जब देश के अन्दर आपसी सौहार्द्र का ह्रास हो रहा और वैमनस्य बढ़ रहा है. उन्होंने सत्य और अहिंसा का मार्ग चुना और उसी में अंत तक अडिग रहे. उन्होंने कहा, कि बिना किसी पूर्वाग्रह के गांधी के विशद अध्ययन की आज ज़रूरत है.
इससे पहले संगोष्ठी की शुरुआत महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं के स्वागत गान से हुई. फिर मुख्य अतिथि को पुष्प-गुच्छ और शॉल देकर व विशिष्ट अतिथि को पुष्प-गुच्छ देकर सम्मानित किया गया. इसी क्रम में अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलित किया गया. स्वागत भाषण और विषय प्रवेश प्राचार्य डॉ. बी.एन. प्रसाद ने प्रस्तुत किया, जबकि कार्यक्रम का संचालन कॉलेज के इतिहास विभाग के प्राध्यापक प्रकाश कुमार ने किया.