अस्पताल 111 के मामले पर सबकी निगाह प्रशासन पर , डॉ ओपी आनंद के अंडरग्राउंड की खबर अफवाह , केस के मामले में कर रहे है भाग दौड़ , समर्थन में आई राजद , माझी पारगाना माहाल और आदित्यपुर नगर निगम के वार्ड पार्षद सिद्धनाथ सिंह , दो गुटों में बंट गई कांग्रेस
सरायकेला :- आदित्यपुर 2 स्थित 111 सेव लाइफ अस्पताल के प्रशासनिक जांच की मियाद पूरी हो चुकी है. अब देखना यह है कि प्रशासन की क्या कार्रवाई होती है . बता दें की आज यानि दिन शनिवार को एक बार फिर से गम्हरिया प्रखंड के सीआई मनोज सिंह 111 सेव लाइफ अस्पताल पहुंचे. जहां उन्होंने अस्पताल में मौजूद कर्मचारियों को एक नोटिस दिया. हालांकि इस नोटिस के संबंध में उन्होंने कुछ भी नहीं बताया. वहीं अस्पताल में इलाजरत मरीजों के परिजन अपने- अपने मरीजों को अन्यत्र ले जाते नजर आए. हालांकि अफवाह यह भी है की डॉ ओपी आनंद शहर छोड़ कर कहीं बाहर जा सकते हैं. लेकिन ऐसी सम्भावना नहीं लग रही है . गौरतलब है, कि बीते शनिवार को अस्पताल द्वारा मरीजों के परिजनों से सरकार द्वारा तय राशि से अधिक पैसे वसूले जाने कि शिकायत मिलने पर राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के मौखिक निर्देश पर जिले के प्रभारी सिविल सर्जन तीन सदस्यीय जांच टीम के साथ 111 सेव लाइफ अस्पताल पहुंची थी. जहां अस्पताल प्रबंधन एवं डॉक्टर ओपी आनंद द्वारा जांच टीम को सहयोग करने के बजाए जांच टीम के साथ राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के खिलाफ अमर्यादित भाषाओं का प्रयोग किया गया था. जिस पर संज्ञान लेते हुए जिला प्रशासन ने जांच शुरू कर दी है. वही जिले के एसपी मोहम्मद अर्शी के निर्देश पर डॉक्टर ओपी आनंद के खिलाफ आरआईटी थाने में धारा 341, 340, 323, 304, 353, 506 और 188 के तहत एफआईआर दर्ज किया गया है . दोनों ही मामलों में अब तक जांच जारी है. वैसे जिले के उपायुक्त द्वारा 72 घंटे में जांच रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया था. जिसकी मियाद भी पूरी हो चुकी है. जांच टीम में एडीसी सुबोध कुमार, गम्हरिया सीओ मनोज कुमार, राजनगर सीओसी सह इंसीडेंट कमांडर धनंजय राय ल, सिविल सर्जन, डॉक्टर, डीआई सहित कुल 8 सदस्य शामिल हैं.
दो गुटों में बंट गई कांग्रेस
स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता की पार्टी कांग्रेस अस्पताल 111 के मामले पर दो गुटों में बंट चुकी है. पार्टी के कई सदस्य और पदाधिकारी कही अस्पताल के पक्षमे है तो कही विरोध कर रहे है . कुछ का कहना है की जब डॉ ओपी आनंद ने माफ़ी मांग लिया है तो मामले को शांत किया जाये और महामारी के दौरान अस्पताल प्रबधन को सुचारू रूप से काम करने दिया जाये . वही दूसरी पक्ष का कहना है की अस्पताल को सील और डॉ आनंद को गिरफ्तार किया जाये .
समर्थन में आई राजद , माझी पारगाना माहाल और आदित्यपुर नगर निगम के वार्ड पार्षद सिद्धनाथ सिंह
राष्ट्रीय जनता दल के झारखण्ड के प्रदेश महासचिव अर्जुन प्रसाद यादव, महासचिव एवं जिलाध्यक्ष ने संयुक्त रूप से मुख्यमंत्री को पत्र लिख कर मांग किया है कि अस्पताल 111 के संचालक डॉ ओपी आनंद को परेशान न किया जाये और साथ ही यह भी कहा कि अगर स्वास्थ्य मंत्री राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स , और कोल्हान के सबसे बड़े अस्पताल एमजीएम की स्थिति सुधार देंगे तो फिर किसी भी प्राइवेट अस्पताल की जरूरत ही क्यों पड़ेगी ? साथ ही यह भी कहा की डॉ ओपी आनंद के साथ पूरा राजद खड़ा है.
माझी पारगाना माहाल ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा की इस महामारी के समय में भी एक अस्पताल पर मौखिक आदेश के तहत जाँच करवाना और एक तरफ जहाँ डॉ मिल नहीं रहे है उस हालत में डॉ पर जाँच कमिटी गठित करना उचित नहीं है .
आदित्यपुर नगर निगम के वार्ड न० 6 के पार्षद सिद्धनाथ सिंह ने भी प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि 111 अस्पताल इस जिले के लिए बेहतर साबित हुआ है और कई गरीब मरीजो का इलाज फ्री में भी किया गया है . साथ ही डॉ ओपी आनंद ने जब अपनी गलती पर माफ़ी मांग लिया है तो स्वास्थ्य मंत्री और जिला प्रशासन को इसे माफ़ कर देना चाहिए . साथ ही पार्षद ने डॉ ओपी आनंद से भी अपील किया है की अपने शब्दों पर सयंम रखे और आगे से ऐसी गलती ना हो इस बात का ध्यान रखे.