शिक्षाविद और समाजसेवी नारायण त्रिपाठी के निधन के बाद बेटे अरविंद त्रिपाठी सपना करेंगे साकार…

0
Advertisements
Advertisements
Advertisements

जमशेदपुर:- शिक्षाविद एवम समाजसेवी श्री नारायण त्रिपाठी का निधन दिनांक 4 दिसम्बर 2023 हो गया था। 1939 में कानपुर के खड़गपुर के एक विलक्षण गांव में एक किसान परिवार में जन्मे श्री नारायण का जीवन करुणा, शिक्षा और समग्र कल्याण का प्रतीक था।
उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों के एक जीवंत शिक्षक, एक वैद्य विशारद (आयुर्वेद रत्न) और प्योरसम इंडिया फाउंडेशन के निदेशक के रूप में, श्री नारायण त्रिपाठी ने अपना जीवन शिक्षा और समग्र कल्याण के लिए समर्पित कर दिया। ज्ञात हो कि प्योरसम इंडिया हाल ही में गठित एक गैर-सरकारी संगठन (NGO) है जिसका उद्देश्य समाज में सकारात्मक बदलाव का प्रतीक बनने, शिक्षा, सनातन संस्कृति, पर्यावरण और पशु संरक्षण और दयालु सेवा को बढ़ावा देने के लिए प्रेरित है। उनके दूरदर्शी नेतृत्व ने एक ऐसी विरासत बनाई जो समुदायों का उत्थान करती है और सकारात्मक प्रभाव डालती है।
उनका निधन दयालुता, सेवा और अटूट समर्पण के धागों से बुना हुआ एक चित्रण छोड़ गया है। उनकी दिवंगता उनके महान प्रयासों से प्रभावित अनगिनत लोगों के दिलों में अंकित है। वह सिर्फ एक शिक्षक ही नहीं थे बल्कि वह एक मार्गदर्शक ज्योति थे, जिन्होंने जिन विद्यार्थी जनसमुदायों की सेवा की, उन पर गहरा प्रभाव छोड़ा। उनकी शिक्षाएं मानवीय सीमाओं से परे बढ़ीं, सभी प्राणियों के प्रति दया और सुरक्षा की ओर मोहित करतीं रहीं। उन्होंने प्राकृतिक उपचारों के लाभों, स्वस्थ जीवन को बढ़ावा देने और कल्याण के लिए वैकल्पिक रास्ते पेश करने की वकालत की। श्री नारायण त्रिपाठी जी की की स्मृति का सम्मान करते हुए उनके टेपेस्ट्री के धागों को उठाएं और उन्हें अपने जीवन में बुनने का संकल्प उनके बेटे अरविंद त्रिपाठी ने उठाया है।

Advertisements
Advertisements

Thanks for your Feedback!

You may have missed