20 साल बाद टूटी वित्त विभाग की नींद: झारखंड के 12 हजार शिक्षकों का कटेगा वेतन, पूर्वी सिंहभूम में 700 शिक्षकों का रुका वेतन…



लोक आलोक सेंट्रल डेस्क:झारखंड के सरकारी स्कूलों में पदस्थापित करीब 12,000 शिक्षकों के लिए बड़ा झटका सामने आया है। वित्त विभाग के एक हालिया आदेश के बाद इन शिक्षकों का वेतन घटाया जाएगा। इतना ही नहीं, बीते 20 वर्षों में मिली वेतन वृद्धि को गलत करार देते हुए रिकवरी की तैयारी भी शुरू कर दी गई है। इससे राज्यभर के शिक्षकों में भारी आक्रोश है।


वित्त विभाग ने हाल ही में सभी उपायुक्तों सह जिला लेखा पदाधिकारियों को पत्र भेजकर स्पष्ट किया है कि वर्ष 2006 से पहले बहाल कर्मचारियों को बंचिंग लाभ (असमान वेतन दूर करने के लिए दिया गया अतिरिक्त इंक्रीमेंट) गलत तरीके से दिया गया। ऐसे में अब बंचिंग का लाभ लेने वाले कर्मियों के वेतन में करीब 9,000 रुपये प्रतिमाह की कटौती होगी।
2006 में रूल 2 से किया गया था वेतन निर्धारण, अब रूल 1 लागू करने का निर्देश
शिक्षकों का कहना है कि छठा वेतनमान लागू होने के समय भारत सरकार के वेतन निर्धारण के रूल 2 के आधार पर उनका पे-फिक्सेशन किया गया था। यह प्रक्रिया विभागीय अधिकारियों और जिला लेखा पदाधिकारी द्वारा सत्यापित भी की गई थी। अब करीब 20 साल बाद वित्त विभाग ने रूल 1 को लागू करने का निर्देश दिया है, जिससे शिक्षकों को बड़ा आर्थिक नुकसान होगा।
शिक्षकों का सवाल – गलती अधिकारियों की, सजा हमें क्यों?
शिक्षकों ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि यदि वेतन निर्धारण में गलती हुई थी, तो वह अधिकारियों की थी। शिक्षकों ने न तो अपने वेतन का निर्धारण किया, न ही किसी नियम को तोड़ा। फिर आज सारी कार्रवाई शिक्षकों पर क्यों हो रही है?
पूर्वी सिंहभूम के 700 शिक्षकों का वेतन रोका गया
इस आदेश के बाद पूर्वी सिंहभूम जिले के लगभग 700 शिक्षकों का मार्च माह का वेतन होल्ड कर दिया गया है। जिला शिक्षा विभाग इसकी जांच और दस्तावेजी प्रक्रिया में जुटा है। इससे पहले चाईबासा जिले में भी इसी प्रकार का मामला सामने आया था।
एक ओर झारखंड सरकार आठवां वेतनमान लागू करने की तैयारी कर रही है, वहीं दूसरी ओर शिक्षकों को पुरानी वेतन त्रुटियों की कीमत चुकानी पड़ रही है। शिक्षकों में गहरी नाराजगी है और वे इस आदेश को अन्यायपूर्ण मानते हैं। सरकार को चाहिए कि इस मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई करे, न कि वर्षों से सेवा दे रहे शिक्षकों को सजा दे।
