आदित्यपुर : पूर्वी सिंहभूम जिले में शुरू हो गई बालू घाटों की बंदोबस्ती, सरायकेला में कब, उठ रहे हैं सवाल

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Adityapur :  पूर्वी सिंहभूम जिले में बालू घाटों की बंदोबस्ती शुरू हो गई है. वहां 18 दिसंबर से विधिवत बालू का उठाव शुरू हो रहा है. किंतू सरायकेला जिले के बालू घाटों की बंदोस्ती कब होगी यह सवाल उठ रहे हैं. बता दें कि सरायकेला जिले के आदित्यपुर, चांडिल, सरायकेला, राजनगर आदि जगहों से प्रतिदिन लाखों सीएफटी बालू का अवैध खनन हो रहा है. यदा कदा कार्रवाई भी होती है लेकिन बालू माफिया बालू चोरी करने से बाज नहीं आ रहे हैं. प्राप्त जानकारी के अनुसार सुवर्णरेखा नदी घाट के बहरागोड़ा प्रखंड के बनकाटा मौजा स्थित वर्णीपाल नदी घाट से बहुप्रतीक्षित बालू खनन कार्य 18 दिसंबर से शुरू होने जा रहा है. 5 हेक्टेयर (लगभग 12 एकड़) क्षेत्र में फैले इस बालू घाट पर खनन लीज का कार्य पूरा कर लिया गया है. हुसैन कंस्ट्रक्शन को इस बालू खनन का लीज पांच साल की अवधि के लिए दिया गया है.
खनन और बालू उठाव की पूरी प्रक्रिया झारखंड स्टेट मिनरल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन जेएसएमडीसी) के दिशा-निर्देशों के अनुसार होगी. बालू उठाने का कार्य केवल सरकारी चालान के माध्यम से ही किया जाएगा. किसी भी अन्य माध्यम से बालू उठाना या बेचना अवैध और दंडनीय होगा. बता दें कि खनन प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए सभी बालू ढुलाई वाले वाहनों में जीपीएस सिस्टम लगाया जाएगा. इससे खनन गतिविधियों पर निगरानी और नियंत्रण आसान होगा. लीजधारक गजेंद्र सिंह के अनुसार यह व्यवस्था अवैध खनन रोकने और प्रक्रिया को सुचारू रूप से चलाने के लिए लागू की गई है. प्रत्येक 100 सीएफटी बालू पर लगभग एक हजार रुपये की सरकारी लागत निर्धारित की गई है. चालान कटने के बाद ही बालू उठाने की अनुमति होगी. चालान और अन्य खर्च जोड़कर एक ट्रैक्टर बालू ढुलाई पर करीब 2,000 रुपये का अनुमानित खर्च होगा. बिना चालान बालू उठाने पर कानूनी कार्रवाई होगी. बताया जा रहा है कि बालू खनन कार्य शुरू होने से स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा और सरकारी राजस्व में बृद्धि होगी. लीजधारकों को स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि वे किसी भी हाल में नियमों का उल्लंघन न करें. जेएसएमडीसी की टीम घाट पर तैनात रहेगी और चालान तथा खनन प्रक्रिया की निगरानी करेगी. प्रशासन ने घाट पर सभी जरूरी व्यवस्थाएं पूरी कर ली है. लेकिन सवाल उठता है कि सरायकेला जिले में पारदर्शी तरीके से बालू का खनन कब होगा ?

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