आदित्यपुर : नगर निगम आदित्यपुर में सफाई व्यवस्था के नाम पर करोड़ों खर्च, पर कचरों में खुलेआम लगाई जा रही आग, मेडिकल कचरे भी खुले में फेंके जाते हैं

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आदित्यपुर:- नगर निगम आदित्यपुर में सफाई व्यवस्था के नाम पर करोड़ों खर्च हो रहे हैं किंतु यहां कचरों में खुलेआम आग लगाई जाती है. यहां के नर्सिंग होम के मेडिकल कचरे भी खुले में फेंके जाते हैं. नालियों में गंदगी बह रही है. बता दें कि नगर निगम की ओर से केंदू गाछ के पास कचरा डंपिंग यार्ड बनाया गया है. लेकिन नगर निगम खाली जगहों व गड्ढों को खोज कर शहर से निकले कचरे उनमें डालता है. जिला प्रशासन ने पिछले वर्षों में तीन जगहों पर ठोस कचरा प्रबंधन प्लांट के लिए सरकारी जमीन उपलब्ध करायी थी, लेकिन स्थानीय लोगों के मना करने पर नगर निगम पीछे हट गया. निगम के पास अपने 35 वार्ड के लिए 310 सफाई कर्मचारी हैं. ट्रैक्टरों के साथ घर-घर कचरा उठाव के लिए 35 वाहन हैं.।घर-घर कचरा उठाव का ठेका सरकारी उपक्रम सूडा रांची के द्वारा क्यू बाओ नामक एजेंसी को दी गयी है. इसने आदित्यपुर वेस्ट मैनेजमेंट कंपनी प्रालि का गठन किया है. कचरा उठाव के लिए इस कंपनी को मानव संसाधन के साथ वाहन भी नगर निगम ने ही उपलब्ध कराया है. इसे सिर्फ घर-घर जाकर कचरा संग्रह करना है. बाकी सफाई नगर निगम के स्वयं के जिम्मे है. सभी जगहों पर घर-घर कचरा उठाव की व्यवस्था नहीं है. जहां कचरा लेने गाड़ी आती है, वहां भी जगह-जगह पर कचरे का ढेर दिखायी देता है. आखिर ये कचरे कहां से आते हैं और इस पर रोक क्यों नहीं लगती है, इस सवाल का जवाब नगर निगम नहीं ढूंढ़ पाया है. इतना ही नहीं आदित्यपुर में नगर निगम के सफाई कर्मचारियों के अलावा आम नागरिक व दुकानदार नियमित रूप से कचरा जला कर उनका निष्पादन कर देते हैं. इस क्रम में डस्टबिन में भी आग लगा दी जाती है. इसके कारण दर्जनों लोहे व प्लास्टिक के डस्टबिन अब तक नष्ट हो चुके हैं. ऐसे लोगों के खिलाफ नगर निगम कार्रवाई करना तो दूर, कचरा जलाने से होने वाले वायु प्रदूषण के प्रति कभी लोगों को जागरूक तक नहीं करता है. नगर निगम ने ढक्कन व दरवाजे लगे नये चौकोर डस्टबिन का उपयोग शुरू किया है. जिससे सफाई कर्माचरियों की परेशानी बढ़ गयी है. पहले जो डस्टबिन होती थी, उसे डंपर प्लेसर से उठा कर ले जाया जाता था, लेकिन नयी बिन से कचरों को हाथ से निकाल कर ट्रैक्टर में लोड किया जाता है. इससे समय व श्रम दोनों अधिक लगता है. छोटी डस्टबिन होने के कारण कचरों से यह शीघ्र भर जाता है और आसपास गंदगी फैलने लगती है. नगर निगम की ओर से जगह-जगह पर लगी स्टील की ट्विन डस्टबिन की चोरी होने या नष्ट कर दिये जाने के बाद बड़ी संख्या में प्लास्टिक की डस्टबिन लगायी गयी है. इन डस्टबिनों के साथ घर-घर कचरा उठाव करने वाली गाड़ी में दो चेंबर हैं. हरे रंग के चेंबर पर गीला कचरा व नीले रंग के चेंबर पर सूखा कचरा लिखा रहता है. यह सिर्फ लिखावट में दिखता है, क्योंकि आदित्यपुर में सूखा (स्वयं नष्ट नहीं होने वाले) व गीला कचरा के अलग-अलग उठाव या उसके निष्पादन की कोई व्यवस्था नहीं है. बता दें कि आदित्यपुर में सफाई की लचर व्यवस्था व कचरे के निष्पादन के लिए उचित व्यवस्था नहीं किये जाने के खिलाफ सामाजिक संस्था जन कल्याण मोर्चा ने रांची हाइकोर्ट में वर्ष 2017 में ही जनहित याचिका दायर की है. जिस पर सुनवाई चल रही है. मोर्चा के अध्यक्ष अधिवक्ता ओम प्रकाश ने बताया कि उक्त याचिका में कोर्ट की अवमानना का मामला चल रहा है. आदित्यपुर में शेरे पंजाब चौक से इमली चौक तक व छोटा गम्हरिया दुर्गा पूजा मैदान से लेकर लाल बिल्डिग चौक तक सर्विस रोड पर दबंगों ने कब्जा जमा लिया है. प्रतिदिन यहां से हजारों रुपये वसूले जा रहे हैं. सड़क पर ही अस्थाई दुकान बनाकर आवागमन बाधित कर दिया गया है. अतिक्रमण करने वाले दुकानदारों को न तो पुलिस का न ही प्रशासन का किसी तरह का भय है. इस वजह से इस मार्ग पर प्रतिदिन जाम की स्थिति बनी रहती है. वहीं दुर्गापूजा मैदान से लाल बिल्डिंग चौक तक करीब आधा किमी की दूरी तय करने में लोगों को आधा घंटा का समय लगता है. अगर किसी ने इनका विरोध किया तो अतिक्रमण करने वाले मारपीट करने पर उतारू हो जाते हैं.
उक्त मार्ग का इस हद तक अतिक्रमण कर लिया गया है कि आपात परिस्थिति में इससे होकर एंबुलेंस तो क्या बाइक भी मरीजों को लेकर अस्पताल तक नहीं पहुंचा सकती है. अस्थायी से शुरू होकर सजने लगी स्थायी दुकानें अस्थायी तथा कुछ देर के लिए सब्जी बाजार लगाने के बहाने शुरु हुआ सिलसिला अब मार्ग पर कपड़े और अन्य स्थाई व्यवसाय में तब्दील हो चुका है. लोगों को हो रही परेशानी से कई बार नगर निगम व प्रशासन को अवगत कराया गया, लेकिन उक्त मार्ग से अतिक्रमण हटाने में पुलिस और नगर निगम की कोई दिलचस्पी नहीं है. इससे लोगों में आक्रोश है और लोग सड़क पर उतरकर आंदोलन का मन बना रहे हैं. सर्विस रोड में लग रही दुकानों की वजह से आदित्यपुर नगर निगम के आदित्यपुर व पंचायत क्षेत्र के छोटा गम्हरिया, जगन्नाथपुर, बलरामपुर, आदर्श नगर, बड़ा गम्हरिया, कालिकापुर समेत आसपास के लोग प्रतिदिन प्रभावित हो रहे हैं. लोगों को सर्विस रोड में चलने तथा आदित्यपुर-कांड्रा मुख्य मार्ग पर जाने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा.

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