आदित्यपुर : व्यर्थ से अर्थ पर मंथन, कॉर्पोरेट-रीसाइक्लर्स कॉन्क्लेव का आयोजन

0
Advertisements

Adityapur :  मानव संसाधन विकास संस्थान द्वारा रांची के होटल चाणक्य बीएनआर में कॉर्पोरेट-रीसाइक्लर्स कॉन्क्लेव का आयोजन किया गया. यह कार्यक्रम “व्यर्थ से अर्थ” थीम पर आधारित था. इस कार्यक्रम का उद्देश्य धातु निर्माण उद्योगों, रीसाइक्लर्स, अनुसंधान प्रयोगशालाओं और शिक्षाविदों को एक मंच पर लाना था ताकि उत्पन्न कचरे के उपयोग में उद्योगों के सामने आने वाली तत्काल चुनौतियों के समाधान पर विचार-मंथन किया जा सके. सेल के बीएसएल के प्रभारी निदेशक बी. के. तिवारी ने मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे. उन्होंने अपशिष्ट प्रबंधन के स्थायी समाधान के लिए उद्योगों के सहयोगी दृष्टिकोण के महत्व पर जोर दिया. इसके अलावा उन्होंने राष्ट्र के विकास के लिए सर्कुलर इकोनॉमी के पांच तत्वों यानी 5 आर (रिफ्यूज, रिड्यूस, रीसाइकिल, रीयूज और रीमैन्युफैक्चर) पर चर्चा की. इस विचार-मंथन सत्र में हिंडाल्को, एएमएनएस, जेएसडब्ल्यू, जेएसपीएल, अल्ट्राटेक सीमेंट, टाटा स्टील, बायोटेक एग्रीइनोवेशन प्राइवेट लिमिटेड, इकोसस्टेन ने भाग लिया. इस सम्मेलन में शैक्षणिक और केंद्र द्वारा वित्तपोषित अनुसंधान संस्थानों के प्रतिभागियों ने भी भाग लिया. इन संगठनों के प्रतिनिधियों ने अपशिष्ट प्रबंधन के लिए अपने उद्योगों में अपनाई जाने वाली सर्वोत्तम प्रथाओं के बारे में चर्चा की. प्रो. रंजीत प्रसाद, राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान जमशेदपुर और संयोजक, सीआरसी 2025 ने उद्योगों से उत्पन्न होने वाले कचरे से मूल्यवान संसाधन बनाने के बारे में बात की. इस कार्यक्रम के सह-संयोजक डॉ. एस. रंगनाथन भारत सरकार के पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के उद्योग-1 के विशेषज्ञ मूल्यांकन समिति के सदस्य हैं. उन्होंने उद्योगों से उत्पन्न कचरे के उपयोग के लिए प्रौद्योगिकियों के विकास की समय की मांग पर ध्यान केंद्रित किया. आयोजन सचिव डॉ. सुरुचि कुमारी ने नई पीढ़ी के अपशिष्ट अर्थात ई-कचरे पर बात की, जिस क्षेत्र पर बड़े पैमाने पर काम करने की आवश्यकता है और सम्मेलन के अंत में धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया.

Advertisements

Thanks for your Feedback!

You may have missed