एक मंदिर जहां आज भी धड़कता है श्रीकृष्ण का दिल, हैरान कर देंगे ये रहस्य …
लोक आलोक न्यूज सेंट्रल डेस्क:-भारत के कई प्रसिद्ध मंदिर व धर्मस्थलों का इतिहास रहस्यों व चमत्कारों से भरा हुआ है. ओडिशा के पुरी में स्थित भगवान जगन्नाथ मंदिर पवित्र धामों में से एक है. जगन्नाथ मंदिर का इतिहास अपने आप में हैरान कर देने वाला है. मान्यता है कि जगन्नाथ मंदिर में मौजूद मूर्तियों में आज भी भगवान श्रीकृष्ण का हृदय धड़कता है.
मान्यता के अनुसार, जगन्नाथ मंदिर के गर्भगृह में भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा की मूर्तियां हैं, जो हर 12 वर्षों में बदली जाती हैं. जब मंदिर की मूर्तियों को बदला जाता है, तब मूर्तियों में से ब्रह्म पदार्थ को निकालकर नई मूर्तियों में लगाया जाता है. ब्रह्म पदार्थ को श्रीकृष्ण का हृदय माना जाता है.
जगन्नाथ मंदिर के पुजारियों का कहना है कि जब वे भगवान का दिल नई मूर्तियों में रखते हैं, तब उन्हें अपने हाथों में कुछ उछलता हुआ महसूस होता है. मंदिर के पुजारियों का मानना है कि यह ब्रह्म पदार्थ है, जो अष्टधातु से बना है.
लेकिन यह ब्रह्म पदार्थ जीवित अवस्था में है. इस ब्रह्म पदार्थ को देखने वाला अंधा हो सकता है या उसकी मृत्यु हो सकती है. इसलिए, ब्रह्म पदार्थ को बदलते वक्त पुजारियों की आंखों पर रेशमी पट्टियां बांध दी जाती है.
इसी तरह मंदिर की धूप में कभी भी परछाई नहीं बनती है.
टिप्पणी- माना जाता है कि मालवा के राजा इंद्रद्युम्न को सपने में श्रीकृष्ण ने नीम के पेड़ के लट्ठे से अपनी और अपने भाई-बहन बलभद्र और सुभद्रा की मूर्तियां बनाने का आदेश दिया था, तब राजा इंद्रद्युम्न ने ये मंदिर बनवाया था.