देश के 45% विधायक गंभीर अपराधों में लिप्त, झारखंड-पांचवें और बिहार-तीसरे स्थान पर, ADR रिपोर्ट से हुआ बड़ा खुलासा…



लोक आलोक सेंट्रल डेस्क:देश की राजनीति में अपराधीकरण की बढ़ती प्रवृत्ति एक बार फिर सामने आई है। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) की ताज़ा रिपोर्ट के मुताबिक, देशभर के 4092 मौजूदा विधायकों में से 1861 यानी करीब 45 प्रतिशत विधायक गंभीर आपराधिक मामलों में आरोपित हैं। इनमें हत्या, हत्या की कोशिश, अपहरण और महिलाओं के विरुद्ध अपराध जैसे संगीन मामले शामिल हैं।


रिपोर्ट में बताया गया है कि 1205 विधायक ऐसे हैं जिनके खिलाफ हत्या, हत्या का प्रयास, अपहरण या महिलाओं पर अत्याचार जैसे अपराधों के मुकदमे दर्ज हैं। यह आंकड़ा कुल विधायकों का 29 प्रतिशत है।
राज्यों की स्थिति:
आंध्रप्रदेश और तेलंगाना सबसे ऊपर हैं, जहां सबसे ज्यादा विधायक गंभीर मामलों में लिप्त हैं। तीसरे स्थान पर बिहार है, जहां 49% विधायक गंभीर आपराधिक आरोपों का सामना कर रहे हैं। चौथे स्थान पर ओडिशा और पांचवें पर झारखंड है।
झारखंड के 45 प्रतिशत विधायकों पर गंभीर आरोप हैं। दो विधायक हत्या, 19 हत्या के प्रयास और पांच महिलाओें के खिलाफ अपराध में आरोपी हैं। यह जानकारी उनके चुनावी शपथपत्र के आधार पर सामने आई है।
राजनीतिक दलों की स्थिति:
यह प्रवृत्ति किसी एक पार्टी तक सीमित नहीं है। सभी प्रमुख राष्ट्रीय और क्षेत्रीय दलों में गंभीर आरोपों से घिरे विधायक हैं।
- भाजपा के 26%
- कांग्रेस के 30%
- तेलुगुदेशम पार्टी के 86%
- डीएमके के 74%
- तृणमूल कांग्रेस के 41%
- आम आदमी पार्टी के 28%
- समाजवादी पार्टी के 44% विधायकों पर संगीन अपराधों के केस दर्ज हैं।
कुल 54 विधायकों के खिलाफ हत्या, 226 के खिलाफ हत्या की कोशिश और 127 के खिलाफ महिलाओं से संबंधित अपराधों के मामले चल रहे हैं।
राजनीति में अपराधियों की घुसपैठ अब चिंता का विषय बन चुकी है। चुनाव आयोग को सौंपे गए शपथपत्रों से यह उजागर होता है कि कैसे आपराधिक पृष्ठभूमि वाले लोग लोकतंत्र की सबसे अहम इकाई – विधानसभाओं में जगह बना रहे हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या राजनीति को अपराधियों से मुक्त कर पाना संभव होगा?
