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जमशेदपुर। झारखंड के पूर्व सीएम चंपाई सोरेन आखिर किस करवट बैठेंगे यह साफ नहीं हो सका है. न तो वे भाजपा में गए हैं और न ही अपनी कोई नई राजनीतिक पार्टी ही बनाई है. अबतक सबकुछ सस्पेंस में ही है. आखिर चंपाई सोरेन करेंगे क्या. अपने विधानसभा क्षेत्र में तो पूरी तरह से सक्रिय हैं ही. साथ ही आस-पास के विधानसभा पर भी नजर बनाए हुए हैं.

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अबतक झामुमो में बने हुए हैं चंपाई

चंपाई सोरेन के बगावती सुर जरूर हैं, लेकिन वे अबतक झामुमो में ही बने हुए हैं. आखिर वे क्या चाहते हैं. यह लोग जानना चाहते हैं. उन्होंने आखिर अभी तक पार्टी और पद से इस्तीफा क्यों नहीं दिया है. यह भी झारखंड में चर्चा का विषय बना हुआ है. चंपाई सोरेन दूर की सोचने वालों में से एक हैं. इसकी जानकारी सभी को है, लेकिन वे आगे क्या करेंगे लोग जानना चाहते हैं.

मंत्री बन्ना गुप्ता के बाद प्रतिक्रिया नहीं

चंपाई के बगावती सुर के बाद सबसे पहले मंत्री बन्ना गुप्ता की ओर से उन्हें विभीषण की संज्ञा दी गई थी. इसके बाद किसी नेता ने कुछ भी नहीं कहा और न ही चंपाई सोरेन ने ही उल्टे में किसी तरह की बयानबाजी की.

सधे हुए राजनेता हैं चंपाई

चंपाई सोरेन की बात करें तो वे बिल्कुल ही सधे हुए नेता हैं. किसी भी काम के लिए उन्हें हड़बड़ी बिल्कुल ही नही रहती है. वे बिल्कुल शांत स्वभाव के हैं जिसका फायदा झामुमो की ओर से उठाया गया है. कभी भी पद की लालसा नहीं की. जो भी मंत्री बनाया बन गए. जब सीएम बनाया तब भी बन गए, लेकिन जब सीएम पद छिनने की बारी आई तब वे सहम गए. उन्हें लगा कि उनका अपमान किया जा रहा है. गलत फायदा उठाया जा रहा है. इसके बाद ही वे झामुमो से बिदक गए. अब लोग यह जानना चाहते हैं कि आखिर चंपाई सोरेन की अगली रणनीति क्या है.

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