मानसून ने तय समय से पहले पूरे देश को किया कवर , जमकर होगी इस बार बारिश; IMD ने जारी किया अलर्ट…

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लोक आलोक न्यूज सेंट्रल डेस्क :- भारतीय मौसम विभाग यानी आईएमडी ने कहा कि पश्चिमी तट को छोड़कर उत्तर-पश्चिम भारत और दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत के कई हिस्सों में अधिकतम तापमान सामान्य से नीचे रहने की संभावना है। मौसम विभाग ने कहा कहा कि मध्य भारत पूर्व और पूर्वोत्तर भारत के कई हिस्सों और पश्चिमी तट पर सामान्य से अधिक तापमान रहने की संभावना है।

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भारतीय मौसम विभाग यानी आईएमडी ने मंगलवार को कहा कि आगामी तीन महीनों में अच्छी बारिश की उम्मीद है। आईएमडी ने अपने अलर्ट में कहा कि जून में 11 फीसदी कम बारिश के बाद भी मानसून ‘सामान्य से अधिक’ रह सकता है। इसके अलावा विभाग ने कई इलाकों में बाढ़ आने और बादल फटने जैसे हालात की भी चेतावनी जारी की।

तीन दिनों में इन राज्यों में पहुंच सकता है मानसून

आईएमडी के मुताबिक, मानसून 2-3 दिनों में राजस्थान, हरियाणा और पंजाब के बचे हुए हिस्सों में पहुंच सकता है। मौसम विभाग ने आगे कहा कि दक्षिण-पश्चिम मानसून ने सामान्य तिथि से छह दिन पहले पूरे देश को कवर कर लिया है।

2 जुलाई को पूरे देश में मानसून एक्टिव

आईएमडी ने एक बयान में कहा, “दक्षिण-पश्चिम मानसून आज राजस्थान, हरियाणा और पंजाब के शेष हिस्सों में आगे बढ़ गया है। इस प्रकार, इसने 8 जुलाई (पूरे भारत को कवर करने की सामान्य तिथि से छह दिन पहले) की तुलना में 2 जुलाई 2024 को पूरे देश को कवर कर लिया।”

मानसून केरल और पूर्वोत्तर क्षेत्र में सामान्य से दो और छह दिन पहले 30 मई को पहुंचा। यह महाराष्ट्र तक सामान्य रूप से आगे बढ़ा, लेकिन इसकी गति धीमी हो गई, जिससे पश्चिम बंगाल, ओडिशा, झारखंड, बिहार, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में बारिश का इंतजार बढ़ गया और उत्तर-पश्चिम भारत में भीषण गर्मी का असर और खराब हो गया।

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जून महीने में सामान्य से कम हुई बारिश

देशभर में 11 जून से 27 जून तक 16 दिन सामान्य से कम बारिश दर्ज की गई, जिसके कारण जून में कुल मिलाकर सामान्य से कम वर्षा हुई। इस महीने के लिए सामान्य 165.3 मिमी के मुकाबले 147.2 मिमी वर्षा हुई, जो 2001 के बाद से सातवीं सबसे कम वर्षा है। देश में चार महीने के मानसून सीजन के दौरान दर्ज की गई कुल 87 सेमी वर्षा का 15 प्रतिशत जून की वर्षा है।

इससे पहले, आईएमडी ने सोमवार को कहा कि भारत में जुलाई में सामान्य से अधिक बारिश हो सकती है, भारी बारिश से पश्चिमी हिमालयी राज्यों और देश के मध्य भागों में नदी घाटियों में बाढ़ आने की संभावना है।

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