HAPPY BIRTHDAY ASHISH VIDYARTH: इस एक्टर ने सिर्फ हिंदी ही नहीं बल्कि तमिल, तेलुगू, मलयालम, कन्नड़ और बंगाली समेत कई भाषाओं में मचाई है फिल्मों में धूम…हर किरदार को निभाते थे पूरी शिद्दत से…

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लोक आलोक न्यूज सेंट्रल डेस्क:आशीष विद्यार्थी का नाम जुबां पर आते ही 90 के दशक के उस विलेन का चेहरा सामने आ जाता है, जिसे स्क्रीन पर देख दर्शक भी सहम जाते थे। दिल्ली में जन्मे आशीष विद्यार्थी ने जब फिल्मी दुनिया में नाम कमाने के लिए मुंबई का रुख किया था, तो सोचा भी नहीं था कि पैर जमा पाएंगे। लेकिन आशीष विद्यार्थी ने बॉलीवुड में टॉप स्टार्स और अन्य कलाकारों के बीच अपना नाम चमका दिया। पहली ही फिल्म के लिए एक्टर ने नेशनल अवॉर्ड जीतकर सबको चौंका दिया था। लेकिन उनका फिल्मी सफर आसान नहीं रहा। आशीष विद्यार्थी ने जिंदगी में काफी मुश्किलें सहीं। उनके रंग और लुक्स का मजाक उड़ाया गया। एक समय तो ऐसा भी आया था, जब आशीष विद्यार्थी के पास दो साल तक कोई काम काम नहीं था। पर एक्टर ने हिम्मत नहीं हारी।

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‘जिद्दी’, ‘सोल्जर’, ‘बादल’ और ‘वास्तव’ जैसी कई हिंदी फिल्मों में अपनी दमदार एक्टिंग का लोहा मनवाने वाले आशीष विद्यार्थी 1992 में मुंबई आए थे। उनकी पहली फिल्म वी.पी मेनन की ‘सरदार’ थी, लेकिन सबसे पहले ‘द्रोहकाल’ रिलीज हुई। इसी फिल्म के लिए आशीष विद्यार्थी को बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर का नेशनल अवॉर्ड मिला था। अपने तीन दशक से भी लंबे करियर में आशीष विद्यार्थी ने 250 से भी ज्यादा फिल्में कीं। उन्होंने करीब 11 भाषाओं में काम किया, जिनमें विलेन के रूप में खूब पसंद किया गया।

हालांकि करियर की शुरुआत में आशीष विद्यार्थी को काफी दिक्कतें झेलनी पड़ी थीं। लोग उनके रंग और चेहरे-मोहरे का मजाक उड़ाते थे। कुछ तो यह तक कह जाते थे कि वह गुड लुकिंग नहीं हैं। लोग भद्दे और घटिया कमेंट करते थे, जिसके बारे में एक्टर ने एक इंटरव्यू में किया था। आशीष विद्यार्थी ने ‘बॉलीवुड हंगामा’ से कहा था कि तब उनका रंग काला था, जिसे देख लोग फब्तियां कसते थे। एक्टर ने बताया था कि जब वह दिल्ली रहते थे, तो लोग उन्हें उनके रंग से बुलाया करते थे, जिससे उन्हें बेहद बुरा लगता था।

आशीष विद्यार्थी के करियर में ऐसा भी समय आया, जब वह दो साल तक घर पर खाली बैठे और फिल्में नहीं मिल रही थीं। पर एक्टर ने हिम्मत नहीं हारी और खुद को वीडियो ब्लॉग में लगा दिया। साथ ही वह मोटिवेशनल स्पीकर भी बन गए। आशीष विद्यार्थी आज भी फिल्मों में काम कर रहे हैं और साथ में वीडियो ब्लॉग भी बनाते हैं। लेकिन उन्होंने बॉलीवुड से दूरी बनाई हुई है।

आशीष विद्यार्थी ने सिर्फ हिंदी ही नहीं बल्कि तमिल, तेलुगू, मलयालम, कन्नड़ और बंगाली समेत कई भाषाओं में फिल्में दी हैं। वह ज्यादातर फिल्मों में विलेन बनते थे जिसके कारण फिल्म के अंत में उन्हें मरना पड़ता था।

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