मौसम विभाग ने लू को लेकर जारी किया अलर्ट, जानें क्या है Heat wave और कैसे करें इससे अपना बचाव…

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लोक आलोक न्यूज सेंट्रल डेस्क :- आने वाले दिनों में गर्मियों का सितम बढ़ने वाला है। हाल ही में भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने लू को लेकर अलर्ट जारी है। मौसम विभाग के मुताबिक आने वाले दिनों में देश के कई हिस्से भयंकर लू की चपेट में आने वाले हैं। ऐसे में आज इस आर्टिकल में जानेंगे क्या होती है लू यानी हीटवेव और कैसे कर सकते हैं इससे अपना बचाव।

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चिलचिलाती धूप और तेज गर्मी ने लोगों का हाल बेहाल कर दिया है। गर्मी के बढ़ते सितम की वजह से लोगों का घरों से बाहर निकलना तक मुश्किल हो गया है, लेकिन यह सब तो बस ट्रेलर है, क्योंकि पूरी फिल्म तो अब शुरू होने वाली है। दरअसल, भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने आने वाले दिनों में तेज गर्मी और लू को लेकर लोगों को सावधान किया है। दिल्ली समेत देश के कई हिस्सों में लू के थपेड़े जीना मुहाल करने वाले हैं। ऐसे में आज इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे क्या होती है लू यानी हीटवेव और कैसे आप इससे अपना बचाव कर सकते हैं।

क्या है हीट वेव?

हीट वेव एक मौसमी घटना है, जिसमें बहुत ज्यादा हाई तापमान होता है, जिसके संपर्क में आने पर मानव शरीर के लिए गंभीर स्वास्थ्य जोखिम पैदा हो सकता है। हीट वेव की परिभाषा विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग होती है और इसके लिए एक खास तापमान सीमा तय की जाती है। कुछ देश हीट इंडेक्स को हीट वेव मापने के लिए इस्तेमाल किया जाता है, जिसमें तापमान और ह्यूमिडिटी दोनों के स्तरों को ध्यान में रखा जाता है।

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भारत में कैसे तय होती है हीटवेव?

भारत में, लू की घोषणा तब की जाती है, जब किसी स्थान का अधिकतम तापमान मैदानी इलाकों में 40 डिग्री सेल्सियस और पहाड़ी क्षेत्रों में कम से कम 30 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है या उससे ज्यादा हो जाता है। ये तापमान सीमाएं उन स्थितियों की पहचान करने के लिए तय की गई हैं, जो संभावित रूप से गर्मी से संबंधित बीमारियों और मौत का कारण बन सकती हैं, खासकर बुजुर्गों, बच्चों और पहले से किसी बीमारी का शिकार कमजोर इम्युनिटी वाले लोगों में।

हीट वेव से ऐसे करें बचाव

हीट वेव के बीच सेहतमंद रहने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। आप लू के प्रभाव को कम करने के लिए कुछ सावधानियां बरत सकते हैं। आइए जानते हैं गर्मियों में लू के बीच कैसे रखें अपना ख्याल-

जितना संभव हो तेज धूप में बाहर जाने से बचें। खासकर दोपहर 12 बजे से 3 बजे के बीच, जब सूर्य की किरणें सबसे ज्यादा तेज होती हैं।

गर्मियों में हाइड्रेटेड रहने के लिए पर्याप्त पानी पीते रहें। भले ही आपको प्यास न लगी हो, लेकिन जितनी बार संभव हो, पानी जरूर पिएं।

धूप में बाहर जाते समय, खासकर गर्मी के दिनों में हल्के रंग के, ढीले और हवादार सूती कपड़े पहनें।

सुरक्षात्मक चश्मे, छाता/टोपी, जूते या चप्पल का इस्तेमाल करें।

उच्च तापमान के दौरान, बाहर हेवी एक्सरसाइज में शामिल होने से बचें, तो बेहतर होगा, खासकर दोपहर 12 बजे से 3 बजे के बीच

अगर आप यात्रा कर रहे हैं, तो डिहाईड्रेशन से बचने के लिए हमेशा अपने साथ पानी रखें।

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शराब, चाय, कॉफी और कार्बोनेटेड कोल्ड ड्रिंक्स का सेवन करने से बचें, क्योंकि ये शरीर को डिहाइड्रेट कर सकते हैं।

हाई प्रोटीन फूड्स से बचें और बासी भोजन खाने से परहेज करें। अगर बाहर काम करना जरूरी है, तो ठंडक पाने के लिए टोपी या छाते का उपयोग करने और अपने सिर, गर्दन, चेहरे और अन्य हिस्सों को धूप से बचाने के लिए नम कपड़े का उपयोग करें।

पार्क किए गए वाहनों में बच्चों या पालतू जानवरों को कभी भी अकेला न छोड़ें। अगर आपको बीमारी या बेहोशी का कोई लक्षण महसूस हो, तो तुरंत डॉक्टर की मदद लें।

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